Mahabharata Story: गांधारी को किससे मिला था 100 पुत्रों का आशीर्वाद, 2 साल तक किया था गर्भ धारण
यह तो लगभग सभी जानते होंगे कि गांधारी और धृतराष्ट्र की 100 पुत्र थे साथ ही एक पुत्री भी थी जिसका नाम दुशाला था। सबसे बड़े पुत्र का नाम दुर्योधन था। कौरवों के जन्म की कथा भी काफी अद्भुत है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर गांधारी को 100 पुत्रों का आशीर्वाद किसने दिया था अगर नहीं तो चलिए जानते हैं इस कथा के बारे में।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। महाभारत का युद्ध कौरवों और पांडवों के बीच लड़ा गया था, जिसे इतिहास के सबसे भीषण युद्ध में से एक माना जाता है। कौरवों को जन्म देने वाली गांधारी महाभारत (Mahabharata Katha) का एक प्रमुख पात्र रही है। गांधारी का विवाह धृतराष्ट्र से हुआ था, जो जन्म से ही नेत्रहीन था, यह जानने के बाद गांधारी ने भी जीवनभर आंखों पर पट्टी बांधकर रखी थी।
किससे मिला आशीर्वाद
गांधारी को 100 पुत्रों की मां बनने का वरदान ऋषि व्यास ने दिया था, जो उसकी सेवा से अति प्रसन्न हुए थे। ऋषि के आशीर्वाद से गांधारी गर्भवती हुई, लेकिन 9 महीने की बजाय उसे 2 साल तक प्रतीक्षा करनी पड़ी। लेकिन इसके बाद भी उसके गर्भ से किसी बच्चे का जन्म न होकर एक मांस पिंड निकला। तब गांधारी ने ऋषि व्यास का स्मरण किया।
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इस तरह हुआ कौरवों का जन्म
ऋषि व्यास प्रकट हुए और गांधारी से कहा कि सौ कुण्ड बनवाकर उन्हें घी से भर दो और मास से 100 टुकड़े करकर इन कुंड में डाल दो। लेकिन गांधारी से 100 के स्थान पर 101 टुकड़े हो गए। महर्षि की आज्ञानुसार गांधारी ने उन सभी मांस पिंडों को घी से भरे कुंडों में रख दिया। फिर दो साल की प्रतिक्षा के बाद उन कुण्डों से 100 पुत्रों और एक कुंड से पुत्री का जन्म हुआ।
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गांधारी की संतान के नाम
1. दुर्योधन
2. दु:शासन
3. दुस्सह
4. दुश्शल
5. जलसंध
6. सम
7. सह
8. विंद
9. अनुविंद
10. दुद्र्धर्ष
11. सुबाहु
12. दुष्प्रधर्षण
13. दुर्मुर्षण
14. दुर्मुख
15. दुष्कर्ण
16. कर्ण
17. विविंशति
18. विकर्ण
19. शल
20. सत्व
21. सुलोचन
22. चित्र
23. उपचित्र
24.चित्राक्ष
25. चारुचित्र
26. शरासन
27. दुर्मुद
28. दुर्विगाह
29. विवित्सु
30. विकटानन
31. ऊर्णनाभ
32. सुनाभ
33. नंद
34. उपनंद
35. चित्रबाण
36. चित्रवर्मा
37. सुवर्मा
38. दुर्विमोचन
39. आयोबाहु
40. महाबाहु
41. चित्रांग
42. चित्रकुंडल
43. भीमवेग
44. भीमबल
45. बलाकी
46. बलवद्र्धन
47. उग्रायुध
48. सुषेण
49. कुण्डधार
50. महोदर
51. चित्रायुध
52. निषंगी
53. पाशी
54. वृंदारक
55. दृढ़वर्मा
56. दृढ़क्षत्र
57. सोमकीर्ति
58. अनूदर
59. दृढ़संध
60. जरासंध
61. सत्यसंध
62. सद:सुवाक
63. उग्रश्रवा
64. उग्रसेन
65. सेनानी
66. दुष्पराजय
67. अपराजित
68. कुण्डशायी
69. विशालाक्ष
70. दुराधर
71. दृढ़हस्त
72. सुहस्त
73. बातवेग
74. सुवर्चा
75. आदित्यकेतु
76. बह्वाशी
77. नागदत्त
78. अग्रयायी
79. कवची
80. क्रथन
81. कुण्डी
82. उग्र
83. भीमरथ
84. वीरबाहु
85. अलोलुप
86. अभय
87. रौद्रकर्मा
88. दृढऱथाश्रय
89. अनाधृष्य
90. कुण्डभेदी
91. विरावी
92. प्रमथ
93. प्रमाथी
94. दीर्घरोमा
95. दीर्घबाहु
96. महाबाहु
97. व्यूढोरस्क
98. कनकध्वज
99. कुण्डाशी
100. विरजा।
101. दुशाला (पुत्री)
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