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    Mangala Gauri Vrat 2025: मंगला गौरी व्रत पर करें ये आरती, मिलेगा सुख और सौभाग्य

    मंगला गौरी व्रत (Mangala Gauri Vrat 2025 ) देवी गौरी को समर्पित है और यह सावन महीने में रखा जाता है। इस व्रत को करने से पति को लंबी आयु अच्छा स्वास्थ्य और सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है। वहीं इस व्रत को करने वाले भक्तों को देवी गौरी की आरती अवश्य करनी चाहिए।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Tue, 22 Jul 2025 05:30 AM (IST)
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    Mangala Gauri Vrat in 2025: मां गौरी की आरती।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। मंगला गौरी व्रत बेहद विशेष माना जाता है। यह देवी गौरी को समर्पित है। इस व्रत को रखने से पति की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और सुखी वैवाहिक जीवन का वरदान मिलता है। यह व्रत हर साल सावन महीने में रखा जाता है, जो साधक इस व्रत (Mangala Gauri Vrat 2025) का पालन करते हैं, उन्हें देवी की भव्य आरती भी जरूर करनी चाहिए, जो इस प्रकार है।

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    ।।मां गौरी की आरती।।

    जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।

    तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिव री।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    मांग सिंदूर बिराजत, टीको मृगमद को।

    उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रबदन नीको।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।

    रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी।

    सुर-नर मुनिजन सेवत, तिनके दुःखहारी।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।

    कोटिक चंद्र दिवाकर, राजत समज्योति।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    शुम्भ निशुम्भ बिडारे, महिषासुर घाती।

    धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    चण्ड-मुण्ड संहारे, शौणित बीज हरे।

    मधु कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    ब्रह्माणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी।

    आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    चौंसठ योगिनि मंगल गावैं, नृत्य करत भैरू।

    बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।

    भक्तन की दुःख हरता, सुख सम्पत्ति करता।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    भुजा चार अति शोभित, खड्ग खप्परधारी।

    मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।

    श्री मालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै।

    कहत शिवानंद स्वामी, सुख-सम्पत्ति पावै।।

    जय अम्बे गौरी,...।

    ।।पार्वती जी की आरती।।

    जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

    ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल की दाता॥

    जय पार्वती माता...

    अरिकुल पद्म विनाशिनि जय सेवक त्राता।

    जग जीवन जगदंबा, हरिहर गुण गाता॥

    जय पार्वती माता...

    सिंह को वाहन साजे, कुण्डल हैं साथा।

    देव वधू जस गावत, नृत्य करत ताथा॥

    जय पार्वती माता...

    सतयुग रूपशील अतिसुन्दर, नाम सती कहलाता।

    हेमांचल घर जन्मी, सखियन संग राता॥

    जय पार्वती माता...

    शुम्भ-निशुम्भ विदारे, हेमांचल स्थाता।

    सहस्त्र भुजा तनु धरि के, चक्र लियो हाथा॥

    जय पार्वती माता...

    सृष्टि रूप तुही है जननी शिवसंग रंगराता।

    नन्दी भृंगी बीन लही सारा जग मदमाता॥

    जय पार्वती माता...

    देवन अरज करत हम चित को लाता।

    गावत दे दे ताली, मन में रंगराता॥

    जय पार्वती माता...

    श्री प्रताप आरती मैया की, जो कोई गाता।

    सदासुखी नित रहता सुख सम्पत्ति पाता॥

    जय पार्वती माता...

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।