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    Margashirsha Amavasya 2025: मार्गशीर्ष अमावस्या की रात करें ये दुर्लभ उपाय, नाराज पितृ होंगे खुश

    Updated: Wed, 19 Nov 2025 02:00 PM (IST)

    मार्गशीर्ष अमावस्या पितरों की पूजा के लिए महत्वपूर्ण है, जो 20 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन स्नान, दान और पूजा-पाठ से शुभ फल मिलते हैं। पितरों की कृपा पाने के लिए अमावस्या की रात को लेकर कई उपाय बताए गए हैं, तो आइए उन उपायों (Margashirsha Amavasya 2025 Night Rituals) को जानते हैं।

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    Margashirsha Amavasya 2025: मार्गशीर्ष अमावस्या की रात करें ये काम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। मार्गशीर्ष अमावस्या बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह पितरों की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन स्नान-दान और पूजा-पाठ करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। वहीं, अमावस्या की रात को लेकर कई सारे दुर्लभ उपाय बताए गए हैं, जिनका पालन करने से पितरों की कृपा बरसती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल यह (Margashirsha Amavasya 2025) 20 नवंबर यानी कल के दिन मनाई जा रही है, तो आइए इस तिथि से जुड़े कुछ प्रमुख उपायों को जानते हैं।

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    मार्गशीर्ष अमावस्या की रात करें ये उपाय (Margashirsha Amavasya 2025 Night Rituals)

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    पितरों के लिए दीपदान

    अमावस्या की रात घर के बाहर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके या अपने घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाना चाहिए। दक्षिण दिशा पितरों की दिशा मानी जाती है। दीपक जलाते समय हाथ जोड़कर अपने पितरों का ध्यान करें और मन ही मन ॐ पितृ देवाय नमः का जप करें। ऐसा करने से पितरों की कृपा मिलती है।

    जल का पात्र भरकर रखें

    रात को अपने घर की छत पर या बालकनी में एक पात्र में साफ पानी भरकर रखें। सुबह उस पानी को किसी पीपल के पेड़ पर अर्पित कर दें। ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

    श्रीमद्भगवद्गीता पाठ

    रात में सोने से पहले, अपने पितरों का ध्यान करते हुए गीता के सातवें अध्याय का पाठ करें। ऐसा करने से पितरों को मोक्ष मिलता है। साथ ही कुंडली से पितृ दोष का प्रभाव कम होता है।

    दान

    मार्गशीर्ष अमावस्या के अगले दिन या उसी रात गर्म कपड़े, कंबल और अन्न का दान करें। ऐसा कहा जाता है कि कंबल का दान शनि और राहु के अशुभ प्रभाव को कम करता है। साथ ही इससे घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती।

    पीपल वृक्ष की परिक्रमा

    अमावस्या की शाम पीपल के वृक्ष के पास जाकर जल अर्पित करें और 7 परिक्रमा करें। परिक्रमा के बाद अपनी मनोकामना कहें। माना जाता है कि पीपल में सभी देवी-देवताओं का वास होता है, जिससे सभी संकट दूर होते हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।