Masik Krishna Janmashtami पर आयुष्मान योग समेत बन रहे हैं ये अद्भुत संयोग, प्राप्त होगा दोगुना फल
हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर भानु सप्तमी मनाई जाती है। इस दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है। पौष महीने में सप्तमी एवं अष्टमी तिथि 22 दिसंबर को है। इसके लिए 22 दिसंबर को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी (Masik Krishna Janmashtami 2024) मनाई जाएगी। इस शुभ अवसर पर भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, 22 दिसंबर को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी है। इस दिन भगवान कृष्ण एवं राधा रानी की पूजा की जाती है। साथ ही मनचाहा वर पाने के लिए मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने वाले साधकों पर भगवान कृष्ण की कृपा बरसती है। उनकी कृपा से साधक को सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। साधक श्रद्धा भाव से भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पर आयुष्मान और सौभाग्य योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान कृष्ण की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-
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मासिक कृष्ण जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त (Kalashtami Shubh Muhurat)
पौष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 22 दिसंबर को दोपहर 02 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, अष्टमी तिथि का समापन 23 दिसंबर को शाम 05 बजकर 07 मिनट पर होगा। मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पर मध्य रात्रि में भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है। इसके लिए 22 दिसंबर को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी।
योग
पौष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर त्रिपुष्कर योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 07 बजकर 31 मिनट से हो रहा है। वहीं, त्रिपुष्कर योग का समापन दोपहर 02 बजकर 31 मिनट पर होगा। वहीं, आयुष्मान योग का भी संयोग है। यह योग 22 दिसंबर को शाम 07 बजे तक है। इसके बाद सौभाग्य योग का निर्माण हो रहा है। इन योग में भगवान कृष्ण की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाएंगे।
करण एवं नक्षत्र
पौष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही बव एवं बालव करण के योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान कृष्ण की पूजा करने से व्रती को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।
पंचांग
सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 10 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 30 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 21 मिनट से 06 बजकर 16 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 03 मिनट से 03 बजकर 44 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 27 मिनट से 05 बजकर 44 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 53 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक
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