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    Pradosh Vrat 2025: नवंबर में कब-कब है प्रदोष व्रत? यहां नोट करें शुभ मुहूर्त और महत्व

    Updated: Wed, 29 Oct 2025 01:00 PM (IST)

    सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है, जो हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से शुभ कार्यों में सफलता मिलती है, कष्टों से मुक्ति मिलती है और सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है। नवंबर 2025 में कार्तिक और अगहन माह के प्रदोष व्रत क्रमशः 3 और 17 नवंबर को पड़ेंगे, जो सोमवार होने के कारण सोम प्रदोष व्रत कहलाएंगे।

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    Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का खास महत्व है। यह पर्व प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। ज्योतिष प्रदोष व्रत के दिन सभी प्रकार के शुभ काम करने की सलाह देते हैं। ऐसा माना जाता है कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से शुभ कामों में सफलता और सिद्धि मिलती है।

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    धार्मिक मत है कि प्रदोष व्रत करने से जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव और मां पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही रुद्राभिषेक किया जाता है। आइए, नवंबर माह के प्रदोष व्रत की तिथि एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-

    प्रदोष व्रत 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat 2025 Date and Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 03 नवंबर को सुबह 05 बजकर 07 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 04 नवंबर को त्रयोदशी तिथि का समापन देर रात 02 बजकर 05 मिनट पर होगा। प्रदोष काल में त्रयोदशी तिथि पर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा होती है। इसके लिए 03 नवंबर को प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा का शुभ समय शाम 05 बजकर 34 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 11 मिनट तक है। सोमवार के दिन पड़ने के चलते यह सोम प्रदोष व्रत कहलाएगा।

    प्रदोष व्रत 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat 2025 Date and Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, अगहन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 17 नवंबर को सुबह 04 बजकर 47 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 18 नवंबर को त्रयोदशी तिथि सुबह 07 बजकर 12 मिनट पर समाप्त होगी। इस प्रकार 17 नवंबर को प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा का शुभ समय शाम 05 बजकर 27 मिनट से लेकर 08 बजकर 07 मिनट तक है। अगहन माह का पहला प्रदोष व्रत भी सोमवार के दिन पड़ रहा है। इसके लिए यह सोम प्रदोष व्रत कहलाएगा।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।