Panchak Tulsi Upay: क्या पंचक में तुलसी में जल चढ़ाना होता है शुभ, इन उपायों से होगा लाभ
पंचक (Panchak 2025) की अवधि में कई तरह की सावधानियां बरती जाती हैं, ताकि आप इसके बुरे परिणामों से बचे रह सकें। साथ ही इस दौरान कई तरह के शुभ व मांगलिक कार्य करने की भी मनाही होती है। आज हम आपको तुलसी से जुड़े कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं, जिन्हें आपको पंचक की अवधि में करने से लाभ मिल सकता है।

Panchak main Tulsi ke Upay
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पंचक की अवधि को एक शुभ अवधि नहीं माना जाता, जो पांच नक्षत्रों के मेल से बनने वाले योग से बनती है। जब चन्द्रमा, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र में विचरण करते हैं, तो इस अवधि को पंचक कहा जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि क्या पंचक की अवधि में तुलसी में जल अर्पित करना शुभ है या नहीं।
जल चढ़ाएं या नहीं
पंचक के दौरान तुलसी में जल चढ़ाने को लेकर कोई विशेष मनाही नहीं होती। इसलिए पंचक की अवधि में भी रोजाना तुलसी में जल दिया जा सकता है। बस इस बात का ध्यान रखें कि इस दौरान एकादशी या रविवार न हो। क्योंकि हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, इन दोनों दिनों पर मां तुलसी, भगवान विष्णु के निमित्त व्रत करती हैं। इसी के साथ सूर्यास्त के बाद भी तुलसी को जल चढ़ाना शुभ नहीं माना जाता।
कर सकते हैं ये उपाय
आप पंचक काल में तुलसी से जुड़े कुछ उपाय करके भी लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए सूखी हुई मंजरी लेकर एक साफ लाल कपड़े में इसे बांध दें। इस दौरान मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु का ध्यान करें। इसके बाद "ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः" मंत्र का जप करते हुए इस पोटली को अपने धन के स्थान जैसे तिजोरी आदि में रख दें। आपके ऊपर धन की देवी की कृपा बरसती रहती है।
ध्यान रखें ये बातें
पंचक की अवधि में तुलसी से जुड़े इस उपाय को करते समय कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें, तभी आपको इसका पूरा लाभ मिल सकता है। ध्यान रखें कि ये उपाय आपको एकादशी या रविवार के दिन नहीं करना है, क्योंकि इस दोनों ही दिनों पर तुलसी को स्पर्श करने या पत्ते उतारने की मनाही होती है। इसके साथ ही स्नान के बाद साफ-सुथरने कपड़े पहनकर ही इस उपाय को करना चाहिए। एक बार पोटली रखने के बाद इसे बार-बार न हटाएं, वरना इसका प्रभाव कम हो जाता है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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