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    Pithori Amavasya 2025: पिठोरी अमावस्या पर जरूर करें ये काम, मिलेगा पितरों का आशीर्वाद

    Updated: Thu, 21 Aug 2025 01:00 PM (IST)

    इस बार भाद्रपद माह की अमावस्या शुक्रवार 22 अगस्त को मनाई जाएगी जिसे पिठोरी अमावस्या (Pithori Amavasya 2025 Upay) के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में अगर इस दिन पर कुछ उपाय करते हैं तो इससे आपको कई तरह के लाभ मिल सकते हैं। चलिए जानते हैं यह उपाय।

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    Pithori Amavasya 2025: पिठोरी अमावस्या के उपाय।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। अमावस्या को हिंदू धर्म की सबसे महत्वपूर्ण तिथियों में से एक माना गया है। यह तिथि मुख्य रूप से पितरों के लिए समर्पित होती है। इस दिन पर स्नान, दान, जप, तर्पण और पिंडदान आदि कार्य करना काफी शुभ माना जाता है। ऐसे में आप भाद्रपद (Bhadrapada Amavasya 2025) माह की पिठोरी अमावस्या पर यदि कुछ उपाय करते हैं, तो इससे आपको पितरों की कृपा मिल सकती है।

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    जरूर करें ये काम

    पिठोरी अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करने के बाद दान-पुण्य जरूर करना चाहिए। लेकिन अगर आपके आसपास कोई नदी या तालाब नहीं है, तो ऐसे में आप घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। इससे भी साधक पर पितरों की कृपा बनी रहती है।

    (Picture Credit: Freepik)

    मिलेगा पितरों का आशीर्वाद

    पिठोरी अमावस्या के दिन आपको पीपल के पेड़ की पूजा जरूर करनी चाहिए और 7 बार इसकी परिक्रमा करनी चाहिए। पूजा के बाद आटे का चौमुखा दीपक बनाकर इसे पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल में काले तिल डालकर जलाएं। इस उपाय को करने से पितरों का आशीर्वाद आपके ऊपर बना रहता है।

    जरूर करें ये काम

    पिठोरी अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त किसी ब्राह्मण को भोजन भी करवा सकते हैं। इससे आपको अत्यधिक पुण्यफलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही विधि-विधान से महादेव की पूजा करें और शिवलिंग पर तिल चढ़ाएं। इससे आपको पितृ दोष से राहत देखने को मिल सकती है।

    करें इन मंत्रों का जप -

    पिठोरी अमावस्या के दिन पितृ चालीसा का पाठ भी जरूर करना चाहिए। इसके साथ ही आप इसम मंत्रों का जप भी कर सकते हैं -

    1. ऊं पितृभ्यः स्वधायिभ्यः स्वाहा

    2. ऊं तत्पुरुषाय विद्महे, महामृत्युंजय धीमहि, तन्नो पितृ प्रचोदयात्

    3. ऊं नमो भगवते वासुदेवाय

    4. ऊं पितृ देवतायै नमः

    5. ऊं देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च, नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।