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    Pithori Amavasya 2025 Date: कब है पिठोरी अमावस्या? नोट करें शुभ मुहूर्त और पूजा का सही समय

    Updated: Sun, 17 Aug 2025 10:49 PM (IST)

    धार्मिक मत है कि पिठोरी अमावस्या (Pithori Amavasya 2025 Date) के दिन पितरों की पूजा करने से व्यक्ति विशेष के जीवन में व्याप्त हर परेशानी दूर हो जाएगी। साथ ही पितरों की कृपा व्यक्ति पर बरसेगी। उनकी कृपा से जीवन में सुखों का आगमन होता है। इस दिन दान करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है।

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    Pithori Amavasya 2025 Date: पिठोरी अमावस्या का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में पिठोरी अमावस्या का खास महत्व है। इस शुभ अवसर पर 64 योगिनियों की पूजा की जाती है। साथ ही संतान की लंबी आयु के लिए व्रत रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से व्रती के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त हर परेशानी दूर हो जाती है। पिठोरी अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान भी किया जाता है। आइए, पिठोरी अमावस्या की सही डेट और शुभ मुहूर्त जानते हैं-

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    पिठोरी अमावस्या शुभ मुहूर्त (Pithori Amavasya 2025 Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 22 अगस्त को दिन में 11 बजकर 55 मिनट पर भाद्रपद माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत होगी। वहीं, 23 अगस्त को दिन में 11 बजकर 35 मिनट पर भाद्रपद माह की अमावस्या तिथि समाप्त होगी। इस प्रकार 22 अगस्त को पिठोरी अमावस्या मनाई जाएगी। 

    पिठोरी अमावस्या स्नान-दान का शुभ मुहूर्त

    पिठोरी अमावस्या के दिन प्रदोष मुहूर्त संध्याकाल 06 बजकर 53 मिनट से लेकर रात 09 बजकर 06 मिनट तक रहेगा। इस दौरान साधक 64 योगिनियों की पूजा एवं भक्ति की जाएगी। साधक अपनी सुविधा अनुसार समय पर देवी मां पार्वती और 64 योगिनियों की कर सकते हैं। वहीं, पूजा के बाद आर्थिक स्थिति के अनुसार दान अवसर करें। 

    पिठोरी अमावस्या शुभ योग (Pithori Amavasya 2025 Shubh Yog)

    ज्योतिषियों की मानें तो पिठोरी अमावस्या पर वरीयान और शिववास योग का संयोग बन रहा है। भाद्रपद माह की अमावस्या तिथि पर देवों के देव महादेव कैलाश पर जगत की देवी मां पार्वती के साथ रहेंगे। इन योग में देवी मां पार्वती संग 64 योगिनियों की पूजा करने से साधक को विशेष कामों में सफलता मिलेगी। साथ ही सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाएंगे। 

    पंचांग

    सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 54 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 53 मिनट पर

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 26 मिनट से 04 बजकर 31 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 47 मिनट से 05 बजकर 10 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 53 मिनट से 07 बजकर 15 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - देर रात 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 16 मिनट तक

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।