Pitru Dosh Effects: पितृ दोष होने पर मिलते हैं ये संकेत, हो जाएं सावधान, ऐसे करें निवारण
पितरों के नाराज होने पर जीवन में कई समस्याएं आ सकती हैं जिसका प्रभाव आने वाली पीढ़ियों पर भी पड़ता है। पितृ दोष के होने पर आपको कुछ संकेत भी मिल सकते हैं जिन्हें बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। चलिए जानते हैं पितृ दोष से मुक्ति के कुछ उपाय।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। माना जात है कि यदि आपके पितृ आपसे प्रसन्न हैं, तो आपके जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। वहीं पितरों के नाराज होने पर व्यक्ति को कई तरह की समस्याएं झेलनी पड़ सकती हैं। कुछ ऐसे संकेत बताए गए हैं, जिससे पितृ दोष की पहचान की जा सकती है। चलिए जानते हैं इस बारे में।
मिलते हैं ये संकेत (Pitra Dosh ke Lakshan)
- घर में हमेशा कोई-न-कोई व्यक्ति बीमार बना रहता है।
- परिवार में बिना वजह लड़ाई-झगड़े की स्थिति बनी रहती है।
- व्यक्ति को व्यापार में लगातार घाटा होता रहता है।
- घर में अचनाक से पीपल के पौधे का उगना भी पितृ दोष का संकेत हो सकता है।
- व्यक्ति के विवाह में बाधा आना।
- परिवार में दुर्घटनाएं बढ़ना।
- संतान प्राप्ति में बाधा।
(Picture Credit: Freepik) (AI Image)
मुक्ति के उपाय (Pitra Dosh ke Upay)
पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए आपको सही विधि से तर्पण, श्राद्ध आदि करना चाहिए। इसी के साथ रोजाना शिव जी की आराधना करें और जल में काले तिल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें। साधारण जल में थोड़ा-सा गंगाजल भी मिला लें। इसी के साथ 21 सोमवार तक गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जप करना चाहिए।
इन उपायों से मिलेगी राहत
दक्षिण दिशा को पितरों की दिशा माना जाता है। इस दिशा में रोजाना पितरों का स्मरण करते हुए सरसों की तेल का दीपक जलाएं। आप इस दिशा में पितरों की तस्वीर भी लगा सकते हैं। इसके साथ ही रोजाना उनके सामने धूप, अगरबत्ती आदि जलाएं व फूलों की माला चढ़ाएं। पितृ दोष से मुक्ति के लिए के यह एक बेहतर उपाय है।
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मिलेगी पितृ दोष से निजात
पीपल के पेड़ में भी पितरों का वास माना जाता है। ऐसे में दोपहर के समय पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं और सात बार परिक्रमा करें। पीपल के पेड़ के नीचे दीपक में सरसों का तेल और काले तिल डालकर छायादान करें। इससे भी आपको अपनी स्थिति में लाभ देखने को मिल सकता है।
इन मंत्रों का करें जप -
- ॐ श्री पितराय नमः
- ॐ श्री पितृदेवाय नमः
- ॐ श्री पितृभ्यः नमः
- ॐ श्री सर्व पितृ देवताभ्यो नमो नमः
- ॐ पितृभ्यः स्वधायिभ्यः पितृगणाय च नमः
- ॐ श्राध्दाय स्वधा नमः
- ॐ नमः शिवाय
- ॐ श्रीं सर्व पितृ दोष निवारणाय क्लेशं हं हं सुख शांतिम् देहि फट् स्वाहा
- ॐ पितृदेवताभ्यो नमः
- ॐ पितृ गणाय विद्महे जगत धारिणे धीमहि तन्नो पित्रो प्रचोदयात्
- कौन-सी है पितरों की दिशा
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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