Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष की चतुर्थी तिथि में न करें ये गलतियां, करना पड़ेगा भारी नुकसान का सामना
पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2025) में चतुर्थी तिथि का विशेष महत्व है जो उन पितरों को समर्पित है जिनकी मृत्यु इस तिथि पर हुई थी। इस दिन श्राद्ध करने से पितरों को मोक्ष मिलता है और परिवार पर आशीर्वाद बना रहता है। वहीं इस दिन को लेकर कुछ खास नियम बनाए गए हैं जिनका पालन सभी को करना चाहिए। आइए उन नियमों के बारे में जानते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। नवरात्र के ठीक पहले पितृ पक्ष का समय आता है, जब हम अपने पूर्वजों से जुड़े अनुष्ठान करते हैं। यह 15 दिनों की एक महत्वपूर्ण अवधि है, जिसमें पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है। आज पितृ पक्ष की चतुर्थी तिथि है, जिसका हिंदू धर्म में बड़ा महत्व है, लेकिन इस दिन (Pitru Paksha 2025) कुछ गलतियां करने से बचना चाहिए, नहीं तो भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है, तो आइए उन गलतियों के बारे में जानते हैं।
पितृ पक्ष की चतुर्थी तिथि का महत्व (Pitru Paksha 2025 Significance)
पितृ पक्ष की चतुर्थी तिथि उन पितरों के लिए होती है, जिनकी मृत्यु किसी महीने की चतुर्थी को हुई हो। इस दिन श्राद्ध करने से पितरों को मोक्ष मिलता है और उनका आशीर्वाद परिवार पर बना रहता है। इस तिथि पर विधि-विधान से पूजा और दान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं।
पितृ पक्ष की चतुर्थी तिथि पर न करें ये गलतियां
1. मांसाहार और तामसिक भोजन - पितृ पक्ष के दौरान मांसाहार, प्याज, लहसुन और अन्य तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए। चतुर्थी के दिन इस नियम का विशेष ध्यान रखें। ऐसा माना जाता है कि इन चीजों का सेवन करने से पितरों की आत्मा को कष्ट पहुंचता है।
2. बाल और नाखून काटना - पितृ पक्ष में बाल और नाखून काटना अशुभ माना जाता है। चतुर्थी के दिन इससे पूरी तरह बचना चाहिए। ये कार्य पितरों के प्रति अनादर का प्रतीक माने जाते हैं।
3. नए काम की शुरुआत - इस दौरान कोई भी नया काम, जैसे व्यापार की शुरुआत, गृह प्रवेश या शादी-विवाह जैसे शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। पितृ पक्ष पूर्वजों से जुड़े अनुष्ठान का समय होता है, इसलिए इन कामों को टाल देना ही बेहतर है।
4. अतिथियों का अनादर - पितृ पक्ष में घर पर आने वाले किसी भी अतिथि, विशेषकर ब्राह्मण या जरूरतमंद व्यक्ति का अनादर न करें। उन्हें खाली हाथ न जाने दें। कहा जाता है कि इस दौरान पितृ किसी भी रूप में आपके घर आ सकते हैं, इसलिए उनका सम्मान करना जरूरी है।
5. शराब का सेवन - पितृ पक्ष में किसी भी तरह के नशे से दूर रहना चाहिए। शराब का सेवन न सिर्फ सेहत के लिए हानिकारक है, बल्कि यह पितृ दोष का कारण भी बन सकता है।
चतुर्थी तिथि पर करें ये काम
चतुर्थी तिथि पर सुबह उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। इसके बाद पितरों का तर्पण करें और श्राद्ध कर्म करें। किसी ब्राह्मण को घर बुलाकर भोजन कराएं और दान-दक्षिणा दें। इसके साथ ही गाय, कुत्ता, कौआ और चींटी को भी भोजन जरूर कराएं। ऐसा माना जाता है कि पितृ इन रूपों में भोजन ग्रहण करते हैं। इसके अलावा जरूरतमंदों को भी अपनी क्षमता के अनुसार दान करें। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
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