Pitru Paksha 2025: पितृपक्ष की षष्ठी तिथि पर करें इन खास वस्तुओं का दान, पितृ ऋण से मिलेगी मुक्ति
पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2025) में षष्ठी तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन दान करने से पितरों को शांति मिलती है और पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है। हालांकि दान करते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान देना चाहिए ताकि पितरों की कृपा मिल सके तो आइए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Pitru Paksha 2025: हिन्दू धर्म में पितृपक्ष का समय पितरों को समर्पित होता है। इन 15 दिनों में दिवंगत पूर्वजों से जुड़े अनुष्ठान किए जाते हैं। पितृपक्ष में, प्रत्येक तिथि का अपना विशेष महत्व होता है, जिसमें षष्ठी तिथि को भी बेहद उत्तम माना गया है।
इस दिन दान-पुण्य करने से पितरों को विशेष शांति मिलती है और पितृ ऋण से मुक्ति भी मिलती है। ऐसे में आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कि इस तिथि पर किन वस्तुओं का दान करना अच्छा माना जाता है?
षष्ठी तिथि पर करें इन चीजों का दान
शास्त्रों में कहा गया है कि पितृपक्ष के दौरान किया गया दान सीधे पितरों तक पहुंचता है। षष्ठी तिथि पर कुछ विशेष वस्तुओं का दान करना बहुत फलदायी माना गया है, तो आइए दान करने वाली वस्तुओं के बारे में जानते हैं।
- अनाज और वस्त्र - इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को अनाज, जैसे कि चावल, गेहूं, और दाल का दान करना शुभ होता है। साथ ही, वस्त्रों का दान भी बहुत पुण्यकारी माना गया है। वस्त्र दान से पितरों की आत्मा तृप्त होती है।
- फल और मिठाई - षष्ठी तिथि पर फलों और मिठाइयों का दान भी बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। खासकर मौसमी फल और दूध से बनी मिठाइयां दान करने से पितरों को शांति मिलती है।
- गाय को चारा - गाय में सभी देवी-देवताओं का वास माना जाता है। इस दिन गाय को हरा चारा खिलाने से पितृ देव प्रसन्न होते हैं।
- तिल का दान - काले तिल का दान पितृपक्ष में विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना गया है। तिल का दान करने से पितरों को मोक्ष मिलता है और पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है।
- जल का दान - इस दौरान किसी प्यासे को पानी पिलाना या सार्वजनिक स्थानों पर पानी की व्यवस्था करना भी बहुत पुण्य का काम माना जाता है।
इन बातों का रखें ध्यान
- दान हमेशा श्रद्धा भाव से करें।
- दान की वस्तुएं स्वच्छ और उपयोग में लाए जा सकने वाली होनी चाहिए।
- दान हमेशा जरूरतमंद को और अच्छी चीजों का ही दें।
- दान करते समय मन में किसी भी प्रकार का अहंकार न रखें।
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