Shardiya Navratri 2025: पितृ पक्ष से लेकर शारदीय नवरात्र तक, सितंबर महीने में मनाए जाएंगे ये व्रत-त्योहार
हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्र मनाया जाता है। इस दौरान जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा और उनके नौ रूपों की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त नवरात्र का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक पर देवी मां दुर्गा की कृपा बरसती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आश्विन महीने की शुरुआत होने वाली है। यह महीना जगत की देवी मां दुर्गा को समर्पित होता है। इस महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। इनमें शारदीय नवरात्र और पितृ पक्ष प्रमुख हैं। इसके साथ ही सर्वपितृ अमावस्या, इंदिरा एकादशी, आश्विन शिवरात्रि, आश्विन प्रदोष व्रत और जितिया व्रत भी मनाए जाएंगे।
इसके अलावा, आश्विन महीने में इंदिरा और पापाकुंभा एकादशी, प्रदोष व्रत, कालाष्टमी समेत कई प्रमुख व्रत त्योहार मनाए जाएंगे। आइए, आश्विन महीने में पड़ने वाले सभी व्रत और त्योहारों के बारे में जानते हैं-
व्रत-त्योहार सूची (Ashwin 2025 festival list)
- 3 सितंबर को परिवर्तिनी एकादशी है। यह पर्व हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। इस दिन लक्ष्मी नारायण जी की पूजा की जाती है। साथ ही एकादशी का व्रत रखा जाता है।
- 5 सितंबर को भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। इस शुभ अवसर पर प्रदोष व्रत मनाया जाएगा।
- 6 सितंबर को अनंत चतुर्दशी और गणेश विसर्जन है। इस शुभ अवसर पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। साथ ही गणपति जी को विदा किया जाता है।
- 7 सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा है। इस शुभ अवसर पर चंद्र ग्रहण का भी साया रहेगा।
- 8 सितंबर को पितृ पक्ष की प्रतिपदा तिथि का श्राद्ध किया जाएगा।
- 9 सितंबर को द्वितीया तिथि का श्राद्ध किया जाएगा। इस शुभ अवसर पर पितरों का तर्पण और पिंडदान किया जाएगा।
- 10 सितंबर को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी है। इसके साथ ही तृतीया और चतुर्थी तिथि का श्राद्ध किया जाएगा।
- 11 सितंबर को पंचमी तिथि का श्राद्ध और तर्पण किया जाएगा।
- 12 सितंबर को षष्ठी तिथि का श्राद्ध और तर्पण किया जाएगा।
- 13 सितंबर को सप्तमी तिथि का श्राद्ध कर्म और पिंडदान किया जाएगा।
- 14 सितंबर को जितिया व्रत और अष्टमी तिथि का श्राद्ध है। जितिया व्रत बिहार और नेपाल समेत कई जगहों पर मनाया जाता है।
- 15 सितंबर को नवमी तिथि का श्राद्ध किया जाएगा।
- 16 सितंबर को दशमी तिथि का श्राद्ध कर्म किया जाएगा।
- 17 सितंबर को इंदिरा एकादशी है। यह पर्व आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन कन्या संक्रांति भी है। इस शुभ अवसर पर सूर्य देव राशि परिवर्तन करेंगे। कन्या संक्रांति के दिन विश्वकर्मा पूजा मनाई जाती है। कन्या संक्रांति के दिन एकादशी तिथि का तर्पण और पिंडदान किया जाएगा।
- 18 सितंबर को द्वादशी तिथि का श्राद्ध है।
- 19 सितंबर को मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत है। साथ ही त्रयोदशी तिथि का तर्पण और पिंडदान किया जाएगा।
- 20 सितंबर के दिन चतुर्दशी तिथि का श्राद्ध है।
- 21 सितंबर को सर्वपितृ और आश्विन अमावस्या है। इस दिन पितरों का अंतिम तर्पण किया जाएगा।
- 22 सितंबर को घटस्थापना कर मां दुर्गा की प्रथम शक्ति स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी। इस दिन आंशिक सूर्य ग्रहण भी लगने वाला है। हालांकि, यह भारत में दिखाई नहीं देगा। इसके लिए सूतक भी मान्य नहीं होगा।
- 23 सितंबर को शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाएगी।
- 24 सितंबर को शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाएगी।
- 25 सितंबर को विनायक चतुर्थी है। यह पर्व हर महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है।
- 26 सितंबर को शारदीय नवरात्र के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाएगी।
- 27 सितंबर को शारदीय नवरात्र के पांचवा दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाएगी।
- 28 सितंबर को शारदीय नवरात्र के षष्ठी तिथि पर मां कात्यायनी की पूजा की जाएगी।
- 29 सितंबर को शारदीय नवरात्र के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाएगी।
- 30 सितंबर को शारदीय नवरात्र के अष्टमी दिन जगत जननी मां दुर्गा की पूजा की जाएगी।
यह भी पढ़ें- Pitru Paksha 2025: इस बार 15 दिनों का होगा पितृपक्ष, जानिए पितरों को जल अर्पित करने की विधि
यह भी पढ़ें- Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्र की कलश स्थापना से पहले घर से निकाल दें ये चीजें, वरना कष्टों से भर जाएगा जीवन
अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।