Sarva Pitru Amavasya 2025: कब है सर्वपितृ अमावस्या, पितरों की कृपा प्राप्ति के लिए जरूर करें ये काम
पंचांग के अनुसार भाद्रपद की पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है। साथ ही पितृ पक्ष का समापन आश्विन माह की अमावस्या पर होता है। आश्विन माह की अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। माना जाता है कि इस तिथि पर पितृ पितृलोक लौट जाते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस साल सर्वपितृ अमावस्या कब मनाई जाएगी।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पितृ पक्ष 15 दिनों तक चलते हैं, जिसमें अपने पूर्वजों को भोजन और अर्पण कर श्रधांजलि दी जाती है। इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर से होने जा रही है। पितृ पक्ष का आखिरी दिन यानी सर्वपितृ अमावस्या (Sarva Pitru Amavasya 2025) को पितरों की कृपा प्राप्ति के लिए एक खास दिन माना गया है। इस दिन पर यदि आप ये कार्य करते हैं, तो इससे आपको पितरों का आशीर्वाद मिल सकता है।
कब है सर्वपितृ अमावस्या (Sarva Pitru Amavasya Date)
आश्विन माह की अमावस्या तिथि का प्रारंभ 21 सितंबर, को रात 12 बजकर 16 मिनट पर हो रहा है। वहीं इस तिथि का समापन 22 सितंबर को देर रात 1 बजकर 23 मिनट पर होने जा रहा है। ऐसे में सर्वपितृ अमावस्या रविवार, 21 सितंबर को मनाई जाएगी। इस दिन शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहने वाले हैं-
- कुतुप मूहूर्त - सुबह 11 बजकर 50 मिनट से दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक
- रौहिण मूहूर्त - दोपहर 12 बजकर 38 मिनट से 1 बजकर 27 मिनट तक
- अपराह्न काल - दोपहर 1 बजकर 27 मिनट से दोपहर 3 बजकर 53 मिनट तक
जरूर करें ये काम
सर्वपितृ अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान करें। अगर ऐसा न कर पाएं, तो इसके स्थ घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण और पिंडदान करें।
इस दिन पर गाय, कुत्ते, कौवे, देव और चींटी के लिए भोजन निकालें। साथ ही ब्राह्मणों को भोजन करवाएं और अपनी क्षमता के अनुसार दान-दक्षिणा दें। ऐसा करने से पितरों की कृपा मिलती है।
यह भी पढ़ें- Pitru Dosh Effects: पितृ दोष होने पर मिलते हैं ये संकेत, हो जाएं सावधान, ऐसे करें निवारण
पीपल के पेड़ के उपाय
सर्वपितृ अमावस्या के दिन पीपल की पेड़ की पूजा जरूर करेंं, क्योंकि इस पेड़ में पितरों का वास माना जाता है। पेड़ की सात परिक्रमा करें और पेड़े के नीचे सरसों के तेल के दीपक में काले तिल डालकर जलाएं। आप इस दिन पर किसी मंदिर के बाहर पीपल का पेड़ भी लगा सकते हैं। ऐसा करने से भी आपको शुभ परिणाम मिल सकते हैं।
यह भी पढ़ें- Pitru Paksha 2025: कब से होगी पितृ पक्ष की शुरुआत? जानें डेट, पितृ तर्पण और श्राद्ध के नियम
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।