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    Sawan Shivratri 2025: 22 या 23 जुलाई, कब है सावन शिवरात्रि? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Thu, 10 Jul 2025 11:45 PM (IST)

    सावन (Sawan Shivratri 2025) महीने में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही साधक पर महादेव की असीम कृपा बरसती है। उनकी कृपा से साधक के जीवन में मंगल ही मंगल होता है। सावन महीने में दान करने से अक्षय फल प्राप्त होता है।

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    Sawan Shivratri 2025: सावन शिवरात्रि का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। यह पर्व देवों के देव महादेव और देवी मां पार्वती को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा एवं भक्ति की जाती है।

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    इस व्रत को करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मासिक शिवरात्रि व्रत करने से अविवाहित जातकों की शीघ्र शादी के योग बनते हैं। साथ ही सुख और सौभाग्य में भी वृद्धि होती है। हालांकि, सावन शिवरात्रि की सही डेट को लेकर भक्त असमंजस में हैं। आइए, सावन शिवरात्रि की सही डेट और शुभ मुहूर्त जानते हैं।

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    सावन 2025 (Sawan 2025 Kab Se Hai)

    सावन महीने की शुरुआत 11 जुलाई से हो रही है। यह महीना भगवान शिव को प्रिय होता है। इस महीने में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही सावन सोमवार का व्रत रखा जाता है। सावन महीने का समापन 09 अगस्त को होगा। इस शुभ अवसर पर सावन पूर्णिमा मनाई जाएगी। सावन पूर्णिमा के दिन राखी का त्योहार मनाया जाता है।

    सावन शिवरात्रि शुभ मुहूर्त ( Sawan ShivratriShubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 23 जुलाई को सुबह 04 बजकर 39 मिनट पर सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि शुरू होगी। वहीं, 24 जुलाई को देर रात 02 बजकर 28 मिनट पर चतुर्दशी समाप्त होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। इसके लिए 23 जुलाई को सावन शिवरात्रि मनाई जाएगी। सावन शिवरात्रि पर पूजा के लिए शुभ समय निशा काल (देर रात) में 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक है।

    हर्षण योग

    ज्योतिषियों की मानें तो सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर दुर्लभ हर्षण और भद्रावास का निर्माण हो रहा है। हर्षण योग का निर्माण दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से होगा। भद्रावास योग दोपहर 03 बजकर 31 मिनट तक है। इस दौरान भद्रा स्वर्ग में रहेंगी। इन योग में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक को दोगुना फल मिलेगा।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 37 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 17 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 15 मिनट से 04 बजकर 56 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से 03 बजकर 39 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 17 मिनट से 07 बजकर 38 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।