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    Sawan Somvar 2025: सावन सोमवार पर बनेगा महासंयोग! भगवान गणेश की कृपा से दूर होगी आर्थिक तंगी

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Sat, 26 Jul 2025 06:00 PM (IST)

    सावन माह के तीसरे सोमवार (Sawan Somvar 2025) पर विनायक चतुर्थी है। इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश की भी पूजा की जाएगी। साधक चतुर्थी का व्रत भी करेंगे। यह दिन बेहद खास है। सावन सोमवार पर देवों के देव महादेव की पूजा करने से हर एक मनोकामना पूरी होती है।

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    Sawan Somvar 2025: सावन सोमवार का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह की तीसरी सोमवारी 28 जुलाई को है। इस दिन विनायक चतुर्थी भी मनाई जाएगी। सावन माह के तीसरे सोमवार पर भगवान शिव और मां पार्वती की भक्ति भाव से पूजा की जाएगी। साथ ही साधक भगवान शिव और मां पार्वती के निमित्त सोमवार का व्रत भी रखेंगे।

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    ज्योतिषियों की मानें तो सावन माह के तीसरे सोमवार पर रवि योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल मिलेगा। साथ ही भगवान गणेश की पूजा करने से आर्थिक तंगी दूर होगी। आइए, शुभ मुहूर्त और योग जानते हैं-

    सावन सोमवार शुभ मुहूर्त (Sawan Somvar 2025 Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 28 जुलाई को देर रात 11 बजकर 24 मिनट तक सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इसके बाद पंचमी तिथि शुरू होगी। इस प्रकार 28 जुलाई को सावन माह के तीसरे सोमवार पर शुक्ल पक्ष की चतुर्थी और पंचमी तिथि है। साधक अपनी सुविधा अनुसार समय पर शिव परिवार की पूजा कर सकते हैं।

    सावन सोमवार शुभ योग (Sawan Somvar 2025 Shubh Yoga)

    ज्योतिषियों की मानें तो सावन माह के तीसरे सोमवार पर एक साथ कई शुभ संयोग बन रहे हैं। सावन सोमवार पर रवि योग का संयोग शाम 05 बजकर 35 मिनट तक है। इस योग में शिव परिवार की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।

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    वहीं, सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र का संयोग दिन भर है। जबकि, उत्तराफाल्गुनी का संयोग रात भर है। इन दोनों योग में शिव-शक्ति की पूजा करने से सभी प्रकार के शुभ कामों में सिद्धि यानी सफलता मिलेगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 36 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 18 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 14 मिनट से 04 बजकर 55 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से 03 बजकर 39 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 17 मिनट से 07 बजकर 38 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।