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    Shani Amavasya 2025: शनि अमावस्या पर करें भगवान शनि की आरती, मिलेगा धन और यश

    शनि अमावस्या हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखती है। इस दिन भगवान शनि की पूजा-अर्चना करने से कुंडली में शनि के अशुभ प्रभाव कम होते हैं। शनिदेव न्याय के देवता हैं और कर्मों के अनुसार फल देते हैं। इस साल शनि अमावस्या 23 अगस्त यानी आज मनाई जा रही है।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 23 Aug 2025 08:15 AM (IST)
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    Shani Amavasya 2025: शनिदेव की आरती के लाभ।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में शनि अमावस्या का विशेष महत्व है, जब अमावस्या तिथि शनिवार के दिन पड़ती है, तो इसे शनि अमावस्या कहा जाता है। यह दिन भगवान शनिदेव को समर्पित है और इस दिन भगवान शनि की पूजा करने और व्रत करने से कुंडली से शनि के अशुभ प्रभाव कम होते हैं। शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है, जो हमारे कर्मों के अनुसार फल देते हैं। इस साल शनि अमावस्या (Shani Amavasya 2025) आज यानी 23 अगस्त को मनाई जा रही है, आइए भगवान शनि की आरती करते हैं।

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    शनिदेव की आरती का महत्व

    शनि अमावस्या पर शनिदेव की आरती करना पूजा का सबसे महत्वपूर्ण भाग माना गया है। शनि आरती से घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता का संचार होता है। ऐसी मान्यता है कि इससे शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं।

    ।।शनि देव की आरती।।

    जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।

    सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥

    जय जय श्री शनि देव....

    श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।

    नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥

    जय जय श्री शनि देव....

    क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।

    मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥

    जय जय श्री शनि देव....

    मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।

    लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥

    जय जय श्री शनि देव....

    जय जय श्री शनि देव....

    देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।

    विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥

    जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।

    जय जय श्री शनि देव....

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।