Somvati amavasya के दिन इस विधि से करें तुलसी की पूजा, नए साल में नहीं होगी धन की कमी
हर महीने में अमावस्या तिथि पड़ती है। इस वर्ष पौष माह में सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2024) मनाई जाएगी। गरुड़ पुराण के अनुसार सोमवती अमावस्या के दिन पितरों का विधिपूर्वक तर्पण करने से जातक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन के सभी तरह के पापों का नाश होता है। पितरों की कृपा से सुख-सौभाग्य और आय में वृद्धि होती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति के लिए सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2024) का दिन बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान करने का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि इससे जातक को जीवन में कभी भी अन्न और धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है। पौष माह की अमावस्या के दिन सोमवार अमावस्या पड़ रहा है, तो ऐसे में इसे सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाएगा।
इस दिन श्रीहरि और महादेव के संग तुलसी पूजा का विधान है। हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा पूजनीय है। मान्यता है कि सच्चे मन से तुलसी की उपासना करने से धन में वृद्धि होती है। साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है। आइए जानते हैं तुलसी पूजा विधि के बारे में।
सोमवती अमावस्या 2024 शुभ मुहूर्त (Somvati Amavasya 2024 Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या (Amavasya Timings December 2024) तिथि का प्रारंभ 30 दिसंबर को सुबह 04 बजकर 01 मिनट से होगा। वहीं, अगले दिन यानी 31 दिसंबर (Somvati Amavasya 2024 Date) को सुबह 03 बजकर 56 मिनट पर तिथि का समापन होगा। ऐसे में 30 दिसंबर (Somvati Amavasya 2024) को सोमवती अमावस्या मनाई जाएगी।
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तुलसी पूजा विधि (Tulsi Puja Vidhi)
- पौष माह की अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
- सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें और मंदिर की सफाई करें।
- दीपक जलाकर पूजा करें।
- पितरों की शांति प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें।
- तुलसी के पौधे में जल दें और कुमकुम का तिलक लगाएं।
- सोलह श्रृंगार की चीजें अर्पित करें।
- फूलों की माला चढ़ाएं।
- तुलसी माता की आरती करें और मंत्रों का जप करें।
- अंत में फल और मिठाई आदि चीजों का भोग लगाएं।
(Pic credit -AI)
अमावस्या के दिन न करें ये काम
सनातन शास्त्रों के अनुसार, अमावस्या के दिन कुछ कामों को करना वर्जित है, जैसे- बाल काटना या धोना, नाखून काटना आदि। ऐसा माना जाता है कि इन कामों को करने से जातक को जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
मां तुलसी पूजन मंत्र
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
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