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    Sunderkand Path: सुंदरकांड का पाठ करने से पहले जरूर जानें ये नियम, तभी मिलेगा पूरा लाभ

    Updated: Sat, 23 Aug 2025 02:46 PM (IST)

    तुलसीदास द्वारा लिखी गई रामचरितमानस में सुंदरकांड पांचवा अध्याय है। नियमित रूप से नियमानुसार सुंदरकांड का पाठ से भी व्यक्ति को जीवन में अद्भुत फायदे देखने को मिल सकते हैं। अगर आप भी सुंदरकांड का पाठ करने का मन बना रहे हैं तो इससे पहले इसके कुछ नियम (Sunderkand Path Ke Niyam) जरूर जान लेने चाहिए।

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    Sunderkand Path Niyam in hindi कैसे करें सुंदरकांड का पाठ?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कई लोग अपने घरों में सुंदरकांड का पाठ करवाते हैं या फिर स्वयं पाठ करते हैं। माना जाता है कि इससे साधक को हनुमान जी के साथ-साथ राम जी की भी कृपा की प्राप्ति होती है। ऐसे में अगर आप भी घर में सुंदरकांड के पाठ का आयोजन करवा रहे हैं, या फिर खुद पाठ करते हैं, तो इस दौरान कुछ नियमों का ध्यान जरूर करें। चलिए जानते हैं सुंदरकांड के पाठ से जुड़े कुछ जरूरी नियम।

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    इस तरह करें पाठ

    सुंदरकांड के पाठ से पहले स्नान आदि करने के साफ-सुथरे कपड़े पहनें। इसके बाद हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठें और घी या तेल का दीपक जलाएं। इसके बाद श्रद्धाभाव से और सुंदरकांड का पाठ शुरू करें। आप राम दरबार के सामने बैठकर भी सुंदरकांड का पाठ कर सकते हैं।

    (Picture Credit: Freepik) 

    इस बातों का रखें ध्यान

    कुछ लोग सुंदरकांड का पाठ रोजाना करते हैं। इसके साथ ही मंगलवार, रविवार और शनिवार का दिन भी ये पाठ करने के लिए उत्तम माना गया है। लेकिन अमावस्या के दिन सुंदरकांड का पाठ करना शुभ नहीं माना जाता। इसके साथ ही कभी रात में भी इसका पाठ नहीं करना चाहिए। समूह में भी सुंदरकांड का पाठ किया जा सकता है। इसका पाठ आप 11, 21, 31, 41 दिन तक कर सकते हैं। इसके साथ ही ब्रह्म मुहूर्त में सुंदरकांड का पाठ करना भी बहुत लाभदायी माना जाता है।

    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    मिलते हैं ये लाभ

    अगर आप नियमों का ध्यान रखते हुए सुंदरकांड का पाठ करते हैं, तो इससे आपके ऊपर बजरंगबली जी की कृपा बनी रहती है। हनुमान जी की कृपा से साधक के जीवन में आ रही सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं।

    इसी के साथ साधक को बल, बुद्धि और विद्या का आशीर्वाद भी मिलता है। सुंदरकांड के रोजाना पाठ से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है और मन में शांति मिलती है। साथ ही इससे साहस बढ़ता है और सफलता प्राप्ति की राह आसान हो जाती है। 

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।