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    Tula Sankranti 2025: तुला संक्रांति पर बन रहे हैं ये शुभ योग, जानें इनका महत्व

    Updated: Thu, 09 Oct 2025 03:11 PM (IST)

    तुला संक्रांति का पर्व बहुत शुभ माना जाता है। जब सूर्य कन्या राशि से तुला राशि में प्रवेश करते हैं, तो इस गोचर को तुला संक्रांति कहते हैं। यह गोचर जीवन में संतुलन, शांति और सकारात्मक बदलाव लाता है। इस दिन शुक्ल योग और शिववास योग का विशेष संयोग बन रहा है, तो आइए इससे जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

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    दिव्या गौतम, एस्ट्रोपत्री। तुला संक्रांति 2025 का पर्व शुक्रवार, 17 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन सूर्य देव कन्या राशि से तुला राशि में प्रवेश करेंगे। भारतीय पंचांग के अनुसार यह एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। तुला राशि के स्वामी शुक्रदेव हैं, जो प्रेम, सौंदर्य और समृद्धि के प्रतीक हैं। सूर्य का इस राशि में गोचर जीवन में संतुलन, शांति और सकारात्मक बदलाव लाता है। 

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    किन योगों का होगा संगम?

    इस वर्ष तुला संक्रांति के दिन शुक्ल योग और शिववास योग का विशेष संयोग बन रहा है। शुक्ल योग मन और विचारों में स्पष्टता और सकारात्मक ऊर्जा लाता है। इससे किए गए शुभ कार्य शीघ्र और स्थायी रूप से फल देते हैं। वहीं, शिववास योग भगवान शिव की पूजा के लिए अत्यंत अनुकूल है। 

    इस दिन की पूजा और साधना से जीवन में सुख, समृद्धि और आशीर्वाद की प्राप्ति होती है। तुला संक्रांति नए कार्य शुरू करने, लक्ष्यों की ओर बढ़ने और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए शुभ अवसर है। 

    शुक्ल योग का/ संयोग 

    तुला संक्रांति 2025 के दिन शुक्ल योग का प्रभाव पूरे दिन और देर रात तक रहेगा। यह योग व्यक्ति के मन और विचारों में प्रकाश और स्पष्टता लाता है। इससे मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। 

    इस समय किए गए शुभ कार्य जैसे दान-पुण्य, पूजा-पाठ, नए कार्य की शुरुआत या साधना शीघ्र और स्थायी रूप से फलदायक होते हैं। शुक्ल योग जीवन में ऊर्जा, उत्साह और संतुलन भी प्रदान करता है।

    शिववास योग का संयोग

    तुला संक्रांति के दिन शिववास योग का संयोग भी बन रहा है। यह योग विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा और ध्यान के लिए अत्यंत अनुकूल माना जाता है। शिववास योग के समय साधना, मंत्र जाप और भगवान शिव की विधिपूर्वक आराधना करने से जीवन में आशीर्वाद, सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। 

    इस योग के प्रभाव व्यक्ति के आध्यात्मिक उन्नति और मानसिक शांति को भी मजबूत बनाता है। शिववास योग में किए गए पुण्य कर्म और साधना का प्रभाव लंबे समय तक जीवन पर सकारात्मक रूप से दिखाई देता है।

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    लेखक: दिव्या गौतम, Astropatri.com अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए hello@astropatri.com पर संपर्क करें।