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    Tulsi Vivah 2025: कार्तिक माह में कब है तुलसी विवाह? जानें शुभ मुहूर्त और नियम

    Updated: Tue, 01 Jul 2025 10:37 AM (IST)

    सनातन धर्म में तुलसी की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व है। इस पौधे में मां लक्ष्मी का वास माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार तुलसी विवाह के दिन इस पौधे की पूजा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। साथ ही धन से जुड़ी समस्या से छुटकारा मिलता है। ऐसे में आइए जानते हैं कब मनाया जाएगा तुलसी विवाह (Tulsi Vivah 2025)।

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    Tulsi Vivah 2025: तुलसी विवाह का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर तुलसी विवाह मनाया जाता है। इस त्योहार को जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां तुलसी के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस तिथि पर तुलसी विवाह (Tulsi Vivah 2025) कराने से जीवन में आने वाले सभी तरह के संकट दूर होते है। साथ ही मां तुलसी की कृपा प्राप्त होती है।

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    (Pic Credit- Freepik)

    तुलसी विवाह 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Tulsi Vivah 2025 Date and Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि की शुरुआत 02 नवंबर को सुबह 07 बजकर 31 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 03 नवंबर को सुबह 05 बजकर 07 मिनट पर होगी। ऐसे में 02 नवंबर को तुलसी विवाह मनाया जाएगा।

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    सूर्योदय: सुबह 06 बजकर 34मिनट पर

    सूर्यास्त: शाम 05 बजकर 35 मिनट पर

    चंद्रोदय: दोपहर 03 बजकर 21 मिनट पर

    चन्द्रास्त: 03 नवंबर को सुबह 03 बजकर 50 मिनट पर

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 50 मिनट से 05 बजकर 42 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 55 मिनट से 02 बजकर 39 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 35 मिनट से 06 बजकर 01 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

    तुलसी विवाह के दिन इन बातों का रखें ध्यान

    • तुलसी विवाह के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर मां तुलसी की पूजा-अर्चना करें।
    • सूर्य देव को अर्घ्य दें।
    • मां तुलसी को सोलह श्रृंगार और लाल चुनरी अर्पित करें।
    • फल और मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं।
    • श्रद्धा अनुसार मंदिर या गरीब लोगों में अन्न और धन समेत आदि चीजों का दान करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, तुलसी विवाह के दिन दान करने से धन लाभ के योग बनते हैं और जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं होती है।
    • पूजा के दौरान काले रंग के कपड़े धारण न करें।
    • किसी से वाद-विवाद न करें।
    • किसी के बारे में गलत न सोचें।

    तुलसी स्तुति मंत्र

    देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः

    नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।

    तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।

    धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।

    लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।

    तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।