Vastu Tips for Deepak: वास्तु के अनुसार, क्या है पूजा में दीपक जलाने का सही तरीका
पूजा में दीपक जलाना महत्वपूर्ण माना गया है। वास्तु शास्त्र (Vastu Tips for deepak) में दीपक जलाने के लिए सही दिशा और अन्य कई नियमों के बारे में बताया गया है। इन बातों का ध्यान रखने से आपको अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। चलिए जानते हैं इससे जुड़े कुछ वास्तु टिप्स।
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Vastu Tips for deepak in hindi (Picture Credit: Freepik)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पूजा के दौरान दीपक भी जरूरी रूप से जलाया जाता है। (Deepak Jalane ka tarika) इसके बिना आराध्य देवी या देवता की पूजा अधूरी मानी गई है। वास्तु शास्त्र में पूजा-पाठ से संबंधित कुछ नियम बताए गए हैं। पूजा के दौरान दीपक जलाना भी एक जरूरी प्रक्रिया है। इससे पूजा का पूर्ण फल मिलता है। साथ ही घर में सकारात्मक ऊर्जा का भी प्रवाह बना रहता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि भगवान के सामने दीपक जलाने का सही तरीका क्या है।
इस तरह जलाएं दीपक
रोजाना घर के मंदिर में पूजा के दौरान आपको घी या सरसों के तेल का दीपक जरूर जलाना चाहिए। इससे घर-परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है। अगर आप घी का दीपक जला रहे हैं, तो इसे मंदिर में बाईं ओर रखना चाहिए। वहीं तेल के दीपक को दाहिनी ओर रखना शुभ माना गया है। अगर आप घी का दीपक जला रहे हैं, तो इसके लिए सफेद रुई की बत्ती का उपयोग करना चाहिए। वहीं अगर तेल के दीपक जला रहे हैं, लाल धागे की बत्ती का इस्तेमाल करना चाहिए।

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इन दिशाओं का रखें ध्यान
वास्तु के अनुसार, में पूजा के दौरान दीपक जलाने की सही दिशा का भी वर्णन किया गया है। वास्तु में दीपक जलाने के लिए उत्तर दिशा या फिर ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा को सबसे उत्तम माना गया है। दीपक की बत्ती का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।
इसके साथ ही आपको दक्षिण दिशा में दीपक जलाने से बचना चाहिए। इस दिशा को यमराज की दिशा कहा गया है। इसके साथ ही पश्चिम दिशा में भी दीपक जलाना शुभ नहीं माना गया। ऐसे में इस दिशा में दीपक जलाने से बुरे परिणाम झेलने पड़ सकते हैं।
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(Picture Credit: Freepik)
इन बातों को न करें नजरअंदाज
दीपक को भगवान की मूर्ति या चित्र के ठीक सामने नहीं रखना चाहिए और न ही बहुत दूर रखना चाहिए। यदि आपका दीपक धातु का बना है, तो ऐसे में रोजाना इसकी अच्छे से साफ-सफाई करनी चाहिए। इन बातों का ध्यान रखने से आपको पूजा का पूरा फल मिल सकता है।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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