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    Vishwakarma Puja 2025: भगवान विश्वकर्मा की पूजा के समय करें इन मंत्रों का जप, पूरी होगी मनचाही मुराद

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 09:17 PM (IST)

    आत्मा के कारक सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। सूर्य देव 17 सितंबर को कन्या राशि में गोचर करेंगे। इस दिन कन्या संक्रांति मनाई जाएगी। संक्रांति तिथि पर स्नान-ध्यान और पूजा-पाठ किया जाता है। साथ ही पूजा जप और तप किया जाता है।

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    Vishwakarma Puja 2025: भगवान विश्वकर्मा को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, बुधवार 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती है। यह पर्व हर साल सूर्य देव के कन्या राशि में गोचर करने की तिथि पर मनाया जाता है। आसान शब्दों में कहें तो कन्या संक्रांति के दिन विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर शिल्पकार विश्वकर्मा जी की पूजा की जाती है। इसके साथ ही सार्वजनिक स्थलों पर भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापित कर भव्य पूजा की जाती है।

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    अगर आप भी भगवान विश्वकर्मा की कृपा पाना चाहते हैं, तो विश्वकर्मा जयंती के दिन भक्ति भाव से शिल्पकार की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय भगवान विश्वकर्मा के नामों का जप करें।

    भगवान विश्वकर्मा के 108 नाम

    1. ॐ धराधराय नमः

    2. ॐ स्थूतिस्माय नमः

    3. ॐ विश्वरक्षकाय नमः

    4. ॐ दुर्लभाय नमः

    5. ॐ स्वर्गलोकाय नमः

    6. ॐ पंचवकत्राय नमः

    7. ॐ विश्वलल्लभाय नमः।

    8. ॐ धार्मिणे नमः

    9. ॐ धीराय नमः

    10. ॐ धराय नमः

    11. ॐ परात्मने नमः

    12. ॐ पुरुषाय नमः

    13. ॐ धर्मात्मने नमः

    14. ॐ श्वेतांगाय नमः

    15. ॐ श्वेतवस्त्राय नमः

    16. ॐ अनन्ताय नमः

    17. ॐ अन्ताय नमः

    18. ॐ आह्माने नमः

    19. ॐ अतलाय नमः

    20. ॐ आघ्रात्मने नमः

    21. ॐ अनन्तमुखाय नमः

    22. ॐ अनन्तभूजाय नमः

    23. ॐ अनन्तयक्षुय नमः

    24. ॐ अनन्तकल्पाय नमः

    25. ॐ अनन्तशक्तिभूते नमः

    26. ॐ अतिसूक्ष्माय नमः

    27. ॐ त्रिनेत्राय नमः

    28. ॐ कंबीघराय नमः

    29. ॐ ज्ञानमुद्राय नमः

    30. ॐ सूत्रात्मने नमः

    31. ॐ सूत्रधराय नमः

    32. ॐ महलोकाय नमः

    33. ॐ जनलोकाय नमः

    34. ॐ तषोलोकाय नमः

    35. ॐ सत्यकोकाय नमः

    36. ॐ सुतलाय नमः

    37. ॐ सलातलाय नमः

    38. ॐ महातलाय नमः

    39. ॐ रसातलाय नमः

    40. ॐ पातालाय नमः

    41. ॐ मनुषपिणे नमः

    42. ॐ त्वष्टे नमः

    43. ॐ हंसवाहनाय नमः

    44. ॐ त्रिगुणात्मने नमः

    45. ॐ सत्यात्मने नमः

    46. ॐ गुणवल्लभाय नमः

    47. ॐ भूकल्पाय नमः

    48. ॐ भूलेंकाय नमः

    49. ॐ भुवलेकाय नमः

    50. ॐ चतुर्भुजय नमः

    51. ॐ विश्वरुपाय नमः

    52. ॐ विश्वव्यापक नमः

    53. ॐ विश्वकर्मणे नमः

    54. ॐ विश्वात्मने नमः

    55. ॐ विश्वस्माय नमः

    56. ॐ विश्वधाराय नमः

    57. ॐ विश्वधर्माय नमः

    58. ॐ विरजे नमः

    59. ॐ विश्वेक्ष्वराय नमः

    60. ॐ विष्णवे नमः

    61. ॐ विश्वधराय नमः

    62. ॐ विश्वकराय नमः

    63. ॐ वास्तोष्पतये नमः

    64. ॐ विश्वभंराय नमः

    65. ॐ वर्मिणे नमः

    66. ॐ वरदाय नमः

    67. ॐ विश्वेशाधिपतये नमः

    68. ॐ वितलाय नमः

    69. ॐ विशभुंजाय नमः

    70. ॐ विश्वव्यापिने नमः

    71. ॐ देवाय नमः

    72. ॐ देवज्ञाय नमः

    73. ॐ पूर्णप्रभाय नमः

    74. ॐ ह्रदयवासिने नमः

    75. ॐ दुष्टदमनाथ नमः

    76. ॐ देवधराय नमः

    77. ॐ स्थिर कराय नमः

    78. ॐ वासपात्रे नमः

    79. ॐ पूर्णानंदाय नमः

    80. ॐ सानन्दाय नमः

    81. ॐ सर्वेश्वरांय नमः

    82. ॐ परमेश्वराय नमः

    83. ॐ तेजात्मने नमः

    84. ॐ परमात्मने नमः

    85. ॐ कृतिपतये नमः

    86. ॐ बृहद् स्मणय नमः

    87. ॐ ब्रह्मांडाय नमः

    88. ॐ भुवनपतये नमः

    89. ॐ त्रिभुवनाथ नमः

    90. ॐ सतातनाथ नमः

    91. ॐ सर्वादये नमः

    92. ॐ कर्षापाय नमः

    93. ॐ हर्षाय नमः

    94. ॐ सुखकत्रे नमः

    95. ॐ दुखहर्त्रे नमः

    96. ॐ निर्विकल्पाय नमः

    97. ॐ निर्विधाय नमः

    98. ॐ निस्माय नमः

    99. ॐ निराधाराय नमः

    100. ॐ निकाकाराय नमः

    101. ॐ महदुर्लभाय नमः

    102. ॐ निमोहाय नमः

    103. ॐ शांतिमुर्तय नमः

    104. ॐ शांतिदात्रे नमः

    105. ॐ मोक्षदात्रे नमः

    106. ॐ स्थवीराय नमः

    107. ॐ सूक्ष्माय नमः

    108. ॐ निर्मोहय नमः

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