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    Masik Shivratri 2025: किस दिन मनाई जाएगी मासिक शिवरात्रि? यहां जानें शुभ मुहूर्त और योग

    Updated: Fri, 15 Aug 2025 07:20 PM (IST)

    भाद्रपद (Bhadrapada Shivratri 2025) का महीना भगवान कृष्ण को समर्पित है। इस महीने में भक्ति भाव से भगवान कृष्ण और राधा रानी की पूजा की जाती है। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। वहीं शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर राधा अष्टमी मनाई जाती है

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    Masik Shivratri 2025: भगवान शिव को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। मासिक शिवरात्रि के दिन साधक भक्ति भाव से जटाधारी भगवान शिव और जगत की देवी मां पार्वती की पूजा करते हैं। साथ ही मनचाही मुराद पाने के लिए व्रत रखते हैं।

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    धार्मिक मत है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से विवाहित जातकों के सुख और सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है। वहीं, अविवाहित जातक शीघ्र शादी के लिए व्रत रख शिव-शक्ति की पूजा करते हैं। आइए, भाद्रपद माह की शिवरात्रि की सही डेट और शुभ मुहूर्त जानते हैं-

    भाद्रपद शिवरात्रि शुभ मुहूर्त (Bhadrapada Shivratri 2025 Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 21 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 22 जुलाई को दिन में 11 बजकर 55 मिनट पर चतुर्दशी तिथि समाप्त होगी। चतुर्दशी तिथि पर निशा काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है। इसके लिए 21 अगस्त को भाद्रपद महीने की शिवरात्रि मनाई जाएगी। 21 अगस्त को निशा काल में पूजा का समय देर रात 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक है।

    वरीयान योग

    ज्योतिषियों की मानें तो सावन शिवरात्रि पर दुर्लभ वरीयान योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण शाम 04 बजकर 14 मिनट से हो रहा है। वहीं, इस योग का समापन 22 अगस्त को दोपहर 02 बजकर 35 मिनट पर होगा।

    इसके साथ ही सावन शिवरात्रि पर अभिजीत मुहूर्त योग का भी संयोग बन रहा है। अभिजीत मुहूर्त दिन में 11 बजकर 58 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक है। इस दौरान भगवान शिव की पूजा करने से साधक को दोगुना फल मिलेगा।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 53 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 54 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 26 मिनट से 05 बजकर 10 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 34 मिनट से 03 बजकर 26 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 54 मिनट से 07 बजकर 16 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।