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    Sawan 2025: निश्चित है भगवान शिव के प्रति समर्पित व्यक्ति का कल्याण, यहां जानें

    सावन की अवधि भोलेनाथ की आराधना व उनकी कृपा प्राप्ति के लिए सबसे उत्तम मानी गई है। विशेषकर सावन सोमवार के दिन शिवालयों में अगल ही उत्साह देखने को मिलता है। कहा जाता है कि आदिदेव महादेव भगवान शिव केवल एक लोटा जल चढ़ाने से ही प्रसन्न हो जाते हैं। चलिए जानते हैं कि आखिर सावन माह इतना खास क्यों है।

    By Jagran News Edited By: Suman Saini Updated: Tue, 29 Jul 2025 11:59 AM (IST)
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    Sawan 2025 शिव जी की कृपा प्राप्ति के लिए खास है सावन।

    गोपाल शास्त्री, प्रधान पुजारी, मंदिर नैमिषारण्य। सावन का महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय माना गया है। अगर आप इस महीने में सच्चे भाव से भोलेनाथ की उपासना करते हैं, तो इससे आपको जीवन में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। चलिए इस बारे में नैमिषारण्य मंदिर के प्रधान पुजारी गोपाल शास्त्री जी से जानते हैं।

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    शिव जी को प्रिय है सावन

    भगवान शिव अनादि काल से संपूर्ण ब्रह्मांड का नेतृत्व कर रहे हैं। इस सृष्टि में भगवान के शिवलिंग स्वरूप की पूजा की जाती है। शिव सबसे अंत में शयन करते हैं। सबसे अंत में शयन ब्रह्म ही करता है, इसलिए शिवलिंग ब्रह्म स्वरूप माना गया है। सृष्टि के सृजन, पालन व उपसंहार तीनों का कारण शिवलिंग ही है। ऊर्ध्वगामी शक्ति शिवत्व में व्याप्त है। सृजन, पालन और संहार यह तीनों ही प्रकृति के मूल तत्व हैं।

    हमारे जीवन के शुभ और अशुभ कर्मों का फल शिव ही देते हैं। पुराणो, वेदों और शास्त्रों में भगवान शिव के महात्म्य को प्रतिपादित किया गया है। भगवान शिव आदिदेव महादेव हैं। हमारी सांस्कृतिक मान्यता के अनुसार 33 करोड़ देवताओं में शिरोमणि देव शिव ही हैं। सावन माह भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है।

    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    सावन माह की खासियत

    सनातन धर्म में यह माह शिव के पूजन व दर्शन के लिए सबसे पवित्र माना जाता है। इस महीने में शिव की भक्ति करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। शिव पृथ्वी पर अपने निराकार-साकार रूप में निवास करते हैं। वह सर्वव्यापक एवं सर्वशक्तिमान हैं। शिव के प्रति जाएंगे तो कल्याण है।

    विनाश व सृजन के देवता हैं शिव

    निश्चित शिव को विनाश व सृजन दोनों का देवता माना जाता है, उनका विनाश रचनात्मक भी है, क्योंकि वह अज्ञानता और माया का नाश करके ज्ञान का प्रकाश लाते हैं। शिव ब्रह्मांड का निराकार सिद्धांत हैं, जिन्हें विभिन्न रूपों में दर्शाया गया है। वे समय और स्थान से परे हैं, वह आदि और अनंत हैं। अनंत चेतना का प्रतिनिधित्व करते हैं। भगवान शिव को अद्वितीय और अनंत ज्ञान के स्वरूप में दर्शाया जाता है।