Vastu Tips: बिजनेस ग्रो नहीं कर रहा है, पैसा भी फंस रहा है, वास्तु के इन उपायों को करने से मिलेगा लाभ
क्या कड़ी मेहनत के बाद भी आपका व्यवसाय नहीं बढ़ रहा है? क्या उधार लेने वालों की संख्या बढ़ रही है और समय पर भुगतान नहीं हो रहा है? वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण-पूर्व दिशा धन और समृद्धि का प्रतीक है। इस दिशा में ऊर्जा का प्रवाह ठीक करने से रुके हुए भुगतान समय पर मिलने लगते हैं और व्यवसाय बढ़ने लगता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। क्या काफी मेहनत करने के बाद भी आपका बिजनेस ग्रो नहीं कर रहा है। क्या आप जो बिजनेस कर रहे हैं, उसमें उधार में सामान लेने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। साथ ही समय पर पेमेंट नहीं मिल पा रहा है। क्या समय पर पेमेंट नहीं मिलने की वजह से सेल पर भी असर पड़ रहा है।
अगर इन सभी सवालों पर आपका जवाब हां में है, तो संभव है कि आपकी दुकान या व्यापारिक प्रतिष्ठान में एनर्जी का फ्लो डिस्टर्ब हो गया हो। ऐसे में वास्तु शास्त्र के कुछ उपायों को आजमाकर आप मनी के फ्लो को बेहतर बना सकते हैं, जिससे आपका बिजने ग्रो करने लगेगा।
आग्नेय कोण और धन का प्रवाह
वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण-पूर्व दिशा की आग्नेय कोण कहा जाता है। यह दिशा धन, ऊर्जा और समृद्धि की प्रतीक मानी जाती है। यदि इस दिशा में ऊर्जा का प्रवाह सही कर लिया जाए, तो रुके हुए पेमेंट्स समय पर मिलने लगते हैं। बिजनेस ग्रो करने लगता है।
कस्टमर्स की संख्या दुकान में बढ़ने लगती है। यदि आप इस इस दिशा को सक्रिय कर लेते हैं, तो आपके बिजनेस में पैसों का फ्लो बढ़ने लगेगा। इससे आपको मुनाफा भी ज्यादा होने लगेगा।
लाल घोड़ों का महत्व
वास्तु में लाल घोड़े गति और ऊर्जा के प्रतीक माने जाते हैं, जो जल और अग्नि तत्वों के बीच संतुलन बनाते हैं। दौड़ते हुए घोड़ों के मुंह सामने की तरफ वाली तस्वीर लगाने से बिजनेस में पैसों का फ्लो बढ़ने लगता है। इससे रुके हुए पेमेंट्स होने लगते हैं।
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समृद्धि को ऐसे करें आकर्षित
इस दीवार पर लाल या नारंगी रंग कर सकते हैं, जो रचनात्मकता, गर्मजोशी और सकारात्मकता का प्रतिनिधित्व करता है। आप शांति और समृद्धि को आकर्षित करने के लिए दक्षिण पूर्व कोने में वास्तु कलश रख सकते हैं।
अगर आप दीवार कलर नहीं कर सकते हैं, तो वहां नारंगी रंग के पर्दे, कुशन आदि जैसे सजावट के सामान रखकर भी इस दिशा को संतुलित कर सकते हैं।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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