Shami Plant Tips: धार्मिक महत्व रखता है शमी का पौधा, घर में लगाने से मिलते हैं ढेरों फायदे
घर की साज-सजावट के लिए हम अकसर कई तरह के पेड़-पौधे लगाना पसंद करते हैं। वास्तु शास्त्र और हिंदू मान्यताओं के अनुसार कुछ पौधों को घर की सुख-समृद्धि के लिए शुभ माना गया है। ऐसे में आज हम आपको घर में शमी का पौधा लगाने के कुछ नियम बताने जा रहे हैं जिनका ध्यान रखने पर आप कई तरह की समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में शमी के पौधे (Shami Plant Ke fayde) का संबंध शनि देव और भगवान शिव से माना गया है। वास्तु शास्त्र की दृष्टि से भी इस पौधे को काफी फायदेमंद माना जाता है। अगर आप इस पौधे को घर में लगाते समय कुछ वास्तु नियमों का ध्यान रखते हैं, तो इससे आपको काफी लाभ मिल सकता है। चलिए जानते हैं वह नियम।
मिलते हैं ये फायदे
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, शमी का पौधा घर में लगाने और नियमित रूप से इसकी पूजा-अर्चना करसे से साधक को भगवान शिव और शनिदेव की कृपा की प्राप्ति होती है। इसी के साथ अशुभ ग्रहों के प्रभाव से भी बचा जा सकता है। यदि किसी जातक पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है, तो उसे घर में शमी का पौधा लगाने और इसकी पूजा-अर्चना से विशेष लाभ मिल सकता है।
पौधा लगाने का सही स्थान
वास्तु शास्त्र के अनुसार, शमी के पौधे को कभी भी घर के अंदर नहीं लगाना चाहिए। आप इसे घर बालकनी, छत या गार्डन में लगा सकते हैं। इसी के साथ इस पौधे को लगाने के लिए वास्तु शास्त्र में दक्षिण दिशा को सबसे अच्छा बताया गया है। साथ ही आप इस पौधे को घर की पूर्व दिशा या फिर ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में भी लगा सकते हैं।
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रखें इन बातों का ध्यान
घर में शमी का पौधा लगता समय कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए, ताकि आपको इसके शुभ परिणाम मिल सकें। इस पौधे को लगाने के लिए शनिवार का दिन सबसे अच्छा माना गया है। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि इस पौधे पर सीधी धूप न पड़े।
कर सकते हैं ये उपाय
शमी के पत्तों को शिवलिंग पर भी अर्पित करना काफी शुभ माना जाता है। इससे जातक के जीवन में आ रही बाधाएं दूर हो सकती हैं। इसी के साथ हर शनिवार को शमी के पौधे की पूजा करनी चाहि और इसके नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से शनि की दशा के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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