Vastu Tips: बार-बार टूट जाती है नींद, तो जरूर अपनाएं ये वास्तु उपाय, सेहत में भी दिखेगा फर्क
वास्तु शास्त्र के नियमों का घर में ध्यान रखा जाए तो इससे आपको कई समस्याओं का हल मिल सकता है। इससे घर में पॉजिटिविटी बनी रहती है जिससे सुख-शांति आती है। अगर आपको नींद पूरी न होने की समस्या बनी हुई है तो इसके लिए भी कुछ वास्तु टिप्स आपके काम आ सकती हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कई लोगों को यह समस्या बनी रहती है कि उनकी नींद बार-बार टूटती जिस कारण नींद पूरी नहीं हो पाती। ऐसे में व्यक्ति को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं भी घेर लेती हैं। आप इस समस्या के समाधान के लिए कुछ वास्तु टिप्स अपना सकते हैं, जिससे आपको काफी फायदा देखने को मिलेगा। चलिए जानते हैं इस बारे में।
क्या होनी चाहिए बेड की दिशा
वास्तु शास्त्र में माना गया है कि, अगर आप उत्तर और पश्चिम दिशा में सिर करके सोते हैं, तो इससे रोगों में वृद्धि होती है और व्यक्ति की उम्र घटने लगती है। सोते समय आपका सिर पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। इसलिए आपका बेड भी दक्षिण दिशा में ही होना चाहिए।
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ध्यान रखें ये बातें
रंगों का भी नींद पर काफी असर पड़ता है। वास्तु शास्त्र में माना गया है कि बेडरूम की दीवारों से लेकर बेडशीट का रंग हल्का ही होना चाहिए। इससे आपको नींद की समस्या में आराम देखने को मिल सकता है। इस बात का भी ध्यान रखें कि सोते समय अपने पैर दरवाजे की तरफ नहीं रखने चाहिए, वरना इससे भी आपकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।
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न करें ये गलती
सोने से पहले सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे फॉन, लैपटॉप आदि को अपने पास से हटा देना चाहिए और दूर रखकर सोना चाहिए। वास्तु शास्त्र में यह माना गया है कि इलेक्ट्रॉनिक सामान को अपने पास रखकर सोते हैं, तो इससे नींद में तो बाधा उत्पन्न होती ही है, साथ ही सेहत पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही आपके बेड के नीचे भी कोई सामान नहीं रखा होना चाहिए। ऐसा करने से वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है, जिससे बार-बार नींद टूटने की समस्या बनी रहती है।
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क्या है सोने का सही समय
शास्त्रों में इस बात का वर्णन मिलता है कि कभी भी सूर्यास्त के तुरंत बाद और गोधूलि बेला में नहीं सोना चाहिए। सोने के लिए सबसे अच्छा समय रात्रि के पहले प्रहर को माना गया है। वहीं, उठने के लिए ब्रह्म मुहूर्त को सबसे उत्तम बताया गया है। इसके साथ ही दिन में सोने से भी कई प्रकार के रोग उत्पन्न हो सकते हैं।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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