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    क्या है होलोग्राफी टेक्नोलॉजी? जिससे सिद्धू मूसेवाला फिर नजर आएंगे स्टेज पर

    Updated: Tue, 05 Aug 2025 01:30 PM (IST)

    होलोग्राफी टेक्नोलॉजी एक 3D प्रोजेक्शन तकनीक है जो लाइट और लेजर का उपयोग करके हवा में तैरती हुई इमेज बनाती है। CES 2025 में इस तकनीक की झलक देखने को मिली। जल्द ही सिद्धू मूसेवाला साइन टू वार 2026 वर्ल्ड टूर में होलोग्राफी के माध्यम से 3D अवतार में नजर आएंगे। यह तकनीक दिवंगत पंजाबी सिंगर को वर्चुअली जिंदा करेगी।

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    क्या है होलोग्राफी टेक्नोलॉजी? जिससे सिद्धू मूसेवाला फिर नजर आएंगे स्टेज पर

    टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। टेक्नोलॉजी कहां से कहां पहुंच गई है इसकी झलक हमें इस साल की शुरुआत में हुए सबसे बड़े टेक शो CES 2025 में देखने को मिली थी। इस टेक शो के दौरान हमें एक खास होलोग्राम बॉक्स भी देखने को मिला था। इस बॉक्स को देखने पर ऐसा लगता था जैसे कोई इंसान सच में बॉक्स के अंदर मौजूद हो। हालांकि अब ऐसा लग रहा है कि ये होलोग्राम टेक्नोलॉजी आने वाले दिनों में तहलका मचाने वाली है।

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    जी हां, स्टेज पर जल्द ही तेज लाइट, झूमती भीड़ और दिलों को छू लेने वाली बीट्स के बीच सिद्धू मूसेवाला भी इसी होलोग्राम टेक्नोलॉजी के जरिए फिर से नजर आएंगे। इसे देख कर ऐसा लगेगा जैसे सिद्धू एक बार फिर मंच पर लौट आए हैं। यह जादू इस खास होलोग्राफी टेक्नोलॉजी से संभव होगा। इस टेक्नोलॉजी के जरिए दिवंगत पंजाबी सिंगर को वर्चुअली फिर से जिंदा किया जाएगा।

    3D अवतार में दिखेंगे सिद्धू मूसेवाला

    दरअसल, जल्द ही ‘साइन टू वार 2026 वर्ल्ड टूर’ के तहत सिद्धू मूसेवाला का 3D अवतार पूरी दुनिया के फैंस को एक इमोशनल सफर पर ले जाने के लिए तैयार लग रहा है। बता दें कि इससे पहले ऐसी टेक्नोलॉजी से माइकल जैक्सन, टुपैक और व्हिटनी ह्यूस्टन जैसे बड़े आर्टिस्ट की भी डिजिटल वापसी हो चुकी है, लेकिन अब मूसेवाला की इमेज, उनके वर्ड्स और उनका स्वैग जल्द ही इंडियन ऑडियंस के लिए एक खास एक्सपीरियंस बनने जा रहा है। चलिए जानते हैं आखिर ये होलोग्राफी टेक्नोलॉजी है क्या?

    समझिए क्या है होलोग्राफी टेक्नोलॉजी?

    दरअसल होलोग्राफी एक ऐसी 3D प्रोजेक्शन टेक्नोलॉजी है जिसमें लाइट और लेजर का इस्तेमाल करके हवा में तैरती हुई इमेज बनाई जाती है। देखने पर यह इमेज काफी रियल लगती है। सामने से देखने पर आपको ऐसा लग सकता है कि सच में आपके सामने कोई असली इंसान खड़ा है। इतना ही नहीं इस टेक्नोलॉजी में मोशन कैप्चर और रियल-टाइम रेंडरिंग जैसी टेक्नोलॉजी का भी यूज किया जाता है।

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