Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Air Pollution : कितने कारगर हैं एयर प्यूरीफायर, खरीदते समय किन बातों का रखें ध्यान?

    By Brahmanand MishraEdited By: Subhash Gariya
    Updated: Thu, 30 Oct 2025 08:00 PM (IST)

    दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत में वायु प्रदूषण गंभीर है, जिससे एयर प्यूरीफायर की मांग बढ़ी है। विशेषज्ञ इसकी प्रभावशीलता पर अलग-अलग राय रखते हैं। इनडोर प्रदूषण से बचाव के लिए एयर प्यूरीफायर का उपयोग किया जाता है, लेकिन इसकी प्रभावशीलता तकनीक, कमरे के आकार और रखरखाव पर निर्भर करती है। फिल्टर का प्रकार, कमरे का आकार, सीएडीआर रेटिंग और ऊर्जा खपत जैसे कारकों पर ध्यान देना चाहिए।

    Hero Image

    टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर समेत इन दिनों लगभग पूरे उत्तर भारत में सांस लेने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। वायु गुणवत्ता के संकेतक डरावने स्तर पर पहुंच चुके हैं। लोग मास्क, एयर प्यूरीफायर जैसे उपायों का सहारा ले रहे हैं। आमतौर पर जब कोई नई डिवाइस चलन में आती है तो उसे लोग लग्जरी के तौर पर ही देखते हैं, लेकिन बढ़ते प्रदूषण के चलते एयर प्यूरीफायर सेहत के लिए जरूरत बनता जा रहा है। हालांकि, इसके असरकारक होने या नहीं होने को लेकर भी विशेषज्ञों के बीच अलग-अलग तर्क हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कितना प्रभावी है एयर प्यूरीफायर

    प्रदूषित इलाकों में रहने वालों का दूषित वायु से बच पाना लगभग असंभव है। वहीं धूल, धुएं, पालतू जानवरों के बालों से लेकर वाष्पशील कार्बनिक यौगिक (वीओसी) आदि इनडोर प्रदूषण कहीं अधिक जानलेवा हैं। इससे बचाव के तौर पर एयर प्यूरीफायर का प्रयोग किया जाता है। हालांकि, हमें कुछ फैक्ट्स और फिक्शन को लेकर आश्वस्त होना जरूरी है। मसलन, इसमें किस तरह का विज्ञान काम करता है, इसे लेकर किस तरह के मिथ हैं और कितना लाभ है, आदि जानना आवश्यक है।

    क्या इससे हो सकता है प्रदूषण का समाधान

    एयर प्यूरीफायर का तभी प्रभावी प्रयोग कर पाएंगे, जब प्रयुक्त टेक्नोलॉजी, कमरे के आकार, प्रयोग के सही तरीके और रेगुलर मेंटिनेंस आदि के बारे में आपको पता हो। काफी हद तक इससे राहत मिलती है, पर एक डिवाइस से वायु प्रदूषण खत्म हो जाएगा तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।

    एयर प्यूरीफायर चुनने में काम आएंगी ये बातें

    फिल्टर का प्रकार : फिल्टर के अलग-अलग प्रकार के बारे में जानना आवश्यक है। हेपा फिल्टर धूल, परागकणों को कैप्चर करता है तो एक्टिवेटेड कार्बन फिल्टर गंध, धुएं और गैस के लिए उपयोगी है। इसी तरह यूवी फिल्टर बैक्टीरिया और वायरस का समाधान करता है।
    कमरे का आकार : फिल्टर क्षमता कमरे के लिए पर्याप्त है या नहीं, यह तय कर लें।
    फीचर्स : एयर क्वालिटी सेंसर, वाई-फाई कनेक्टिविटी और एप कंट्रोल जैसे फीचर्स एयर प्यूरीफायर के प्रयोग को सहज बनाते हैं।
    सीएडीआर रेटिंग : इससे धूल, धुएं आदि से निपटने में डिवाइस की क्षमता के बारे में पता चलता है। क्लीन एयर डिलीवरी रेट बेहतर होने से प्रदर्शन भी बेहतर होता है।
    ऊर्जा खपत : एनर्जी एफिसियंट मॉडल चुनना बेहतर होता है। अधिक एनर्जी स्टार होने से बिजली की खपत कम होगी।
    मेंटिनेंस : फिल्टर बदलने की अवधि और मेंटिनेंस लागत के बारे में जरूर जानना चाहिए।

    यह भी पढ़ें- एयर प्यूरीफायर मत खरीदना! AC कर देगा कमरे की हवा साफ, जानिए कैसे