PhonePe, Paytm, Google Pay यूजर्स के लिए काम की खबर, सिर्फ 10 सेकेंड में पूरा होगा पेमेंट
नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं जिसमें ट्रांजैक्शन और रिवर्सल ट्रांजैक्शन स्टेटस के रिस्पॉन्स टाइम को घटाकर 10 सेकेंड कर दिया गया है। पहले यह समय 30 सेकेंड था। इस बदलाव से UPI सर्विस प्रोवाइडर्स और यूजर्स को फायदा होगा क्योंकि उन्हें फेल ट्रांजैक्शन या पेमेंट स्टेटस के लिए कम इंतजार करना पड़ेगा।

टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया NPCI ने आज से UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) में अहम बदलाव किया है। इस बदलाव के चलते यूपीआई के एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस में ट्रांजैक्शन और रिवर्सल ट्रांजैक्शन स्टेटस के लिए रिस्पॉन्स टाइम को घटाकर 10 सेकेंड कर दिया है। यानी अब पेमेंट प्रोसेस में सिर्फ 10 सेकेंड लगेगा। पहले यह 30 सेकेंड का था।
इसके साथ ही पेमेंट और कलेक्शन के वैलिडेट एड्रेस के लिए भी रिस्पॉन्स टाइट को घटाकर 10 सेकेंड कर दिया है, जो पहले 15 सेकेंड था। NPCI ने अप्रैल में कहा था कि वह रिस्पॉन्स टाइम को कम करने के लिए काम कर रहा है।
क्या होगा फायदा
ट्रांजैक्शन रिस्पॉन्स टाइम को कम करने से रिमिटर बैंक, बेनिफिशियरी बैंक के साथ-साथ यूपीआई सर्विस प्रोवाइडर्स जैसे PhonePe, Google Pay, Paytm के साथ-साथ अन्य दूसरी कंपनियों और उनके यूजर्स को फायदा होगा।
यूपीआई ट्रांजैक्सन रिस्पॉन्स टाइम कम होने से न सिर्फ जल्दी पेमेंट हो जाएगा। इसके साथ ही यूजर्स को फेल ट्रांजैक्शन या पेमेंट स्टेटस चेक करने के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। पहले जहां यूजर्स को 30 सेकेंड तक इंतजार करना पड़ता था। अब उन्हें 10 सेकेंड में ही ट्रांजैक्शन से जुड़ी डिटेल मिल जाएगी।
UPI में किए इन हालिया बदलावों को लेकर एनपीसीआई का कहना है कि इसका मकसद यूजर्स के एक्सपीरियंस को बेहतर बनाना है। इसके साथ ही उसका यह भी कहना है कि यूपीआई सर्विस प्रोवाइडर्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे यूजर्स को रिवाइज्ड रिस्पॉन्स टाइम के अंदर ही डिटेल्स उपलब्ध करवाएं।
यूपीआई में और भी होंगे बदलाव
UPI सिस्टम के आने के बाद से इसमें लगातार बदलाव हो रहे हैं। आने वाले दिनों में यूपीआई में और भी बदलाव देखने को मिलेंगे। एनपीसीआई की ओर से बताया गया है कि अगस्त महीने यूपीआई को भेजे जाने वाले सभी एपीआई रिक्वेस्ट को सही से यूज और मॉनीटर या मॉरेडरेट करने की जिम्मेदारी बैंक या यूपीआई प्रोवाइडर्स की होगी।
एनपीसीआई ने जो गाइडलाइन जारी की है वह लागू होने के बाद यूपीआई के जरिए बैंक बैंलेंस इंक्वायरी, अकाउंट लिस्ट और ऑटो पेमेंट मैंडेट के एग्जिक्यूशन में चेंज देखने को मिलेंगे।
यह भी पढ़ें: Jio Down: देशभर के कई इलाकों में जियो डाउन, न कॉल लग रही है न चल रहा इंटरनेट; हजारों यूजर्स परेशान
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।