1 अगस्त से बदल जाएंगे UPI के नियम, जानिए कितनी बार कर पाएंगे बैलेंस चेक और ऑटो-पे का भी बदला समय
डिजिटल पेमेंट के लिए UPI ऐप्स का उपयोग करने वालों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। 1 अगस्त से UPI में NPCI कुछ बदलाव करने जा रहा है जिसका असर ऑटो-पे रिक्वेस्ट बैलेंस चेक और फेल ट्रांजैक्शन पर पड़ेगा। ऑटोपे रिक्वेस्ट अब पीक समय के दौरान प्रोसेस नहीं होंगी और बैलेंस चेक करने पर लिमिट लग सकती है।

टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। डिजिटल पेमेंट के लिए हम सभी यूपीआई ऐप्स जैसे BHIM, Google Pay और PhonePe का इस्तेमाल करते हैं। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) 1 अगस्त से यूपीआई में कुछ बदलाव करने जा रहा है। हम सभी दिन में कई बार यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं, ऐसे में आपके लिए इन अपडेट के बारे में जानना बेहद जरूरी है।
1 अगस्त से क्या-क्या होंगे बदलाव
1 अगस्त से यूपीआई अकाउंट पर बैलेंस चेक, ऑटो-पे रिक्वेस्ट, फेल ट्रांजैक्शन की डिटेल और न्यू अकाउंट वेरिफिकेशन का प्रोसेस बदल जाएगा। यहां हम आपको डिटेल में इसकी जानकारी दे रहे हैं।
UPI ऑटो-पे रिक्वेस्ट
अगर आपने ओटीटी सब्सक्रिप्शन, रेंट या SIP जैसे पेमेंट्स के लिए ऑटो-पे सेट किया है, तो अब ये पेमेंट अब सटीक समय पर ही होंगे। 1 अगस्त से ऑटो पे रिक्वेस्ट सुबह 10 बजे से पहले, दोपहर में 1 बजे से शाम 5 बजे के बीच और रात में 9.30 बजे बाद होंगे।
इसका मकसद पीक समय के दौरान इन रिक्वेस्ट से सर्वर पर पड़ने वाले लोड को कम करना है। यूजर को इसका नोटिफिकेशन भी मिलेगा।
बैलेंस चेक करने पर लिमिट
यूपीआई के जरिए जब भी यूजर अपना बैलेंस चेक करते हैं तो इससे सर्वर पर काफी लोड पड़ता है। यह लोड उस वक्त और भी बढ़ जाता है जब यूजर बायोमैट्रिक ऑथेंटिकेशन जैसे फेस आईडी या फिंगरप्रिंट का यूज करते हैं।
इस लोड को कम करने के लिए एनपीसीआई बैलेंस चेक करने की लिमिट लगा रहा है। नए नियम के मुताबिक, यूजर एक दिन में 50 बार ही बैलेंस चेक कर पाएंगे।
फेल ट्रांजैक्शन का तेज अपडेट
यूपीआई में फेल ट्रांजैक्शन बड़ी समस्या है। कई बार सेंडर के अकाउंट से बैलेंस तो कट जाता है, लेकिन यह रिसीवर तक नहीं पहुंचता। NPCI ने इसका भी तोड़ निकाल दिया है। यूपीआई ऐप्स अब से कुछ ही सेकेंड में वास्तविक पेमेंट स्टेटस शो करेंगे।
इससे पहले अब तक ऐप्स में ट्रांजैक्शन स्टेटस प्रोसेसिंग या पेंडिंग शो करता था। 1 अगस्त से ऐसा नहीं होगा। यानी यूजर्स को कुछ ही सेकंड में ट्रांजैक्शन स्टेटस मिल जाएगा।
इसके साथ ही अगर कोई पेमेंट अटक जाता है तो यूजर तीन बार इसका स्टेटस चेक कर पाएंगे। वह भी 90 सेकंड के अंतराल में इसका स्टेटस देख पाएंगे।
अकाउंट वेरिफिकेशन होगा और भी सिक्योर
UPI ऐप्स को 1 अगस्त से नया बैंक अकाउंट लिंक करने के लिए पहले से सख्त वेरिफिकेशन प्रोसेस करना होगा। अब इसमें बैंक की ओर से भी कन्फर्मेशन की जरूरत होगी। यह अकाउंट वेरिफिकेशन प्रोसेस में एक और सिक्योरिटी लेयर ऐड करेगा।
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