फर्जी शस्त्र लाइसेंस में नया मोड़, STF रिपोर्ट गायब, विवादित जमीनों पर कब्जा कराता है शोभित चतुर्वेदी
आगरा में फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में नया मोड़ आया है। सोनू गौतम द्वारा विशाल भारद्वाज को धमकी देने की एसटीएफ रिपोर्ट थाने से गायब हो गई है जिससे मुकदमा दर्ज नहीं हो सका है। शिकायतकर्ता ने भूपेंद्र सारस्वत पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है। अमिताभ ठाकुर ने डीजीपी को पत्र लिखकर एसीपी स्तर के अधिकारी से जांच कराने की मांग की है।

जागरण संवाददाता, आगरा। फर्जी शस्त्र लाइसेंस गिरोह से जुड़े कुख्यात साेनू गौतम ने जेल से पिछले वर्ष शिकायतकर्ता विशाल भारद्वाज को हत्या की धमकी दी थी।20 लाख रुपये हत्या की सुपारी शूटर हरेंद्र राणा को दी थी।एसटीएफ की जांच में धमकी के आरोप की पुष्टि होने के बाद रिपोर्ट कमिश्नरेट पुलिस को भेजी गई। मगर, पुलिस आयुक्त के आफिस से एसीपी आफिस तक तो यह शिकायत और रिपोर्ट बढ़ी, लेकिन थाने पहुंचने पर गायब हो गई।अब तक इसमें मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है।
नाई की मंडी थाने में 24 मई को अवैध शस्त्र और फर्जी लाइसेंस बनवाने के आरोप में सात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज लगाने और आयुध अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।इसमें मोहम्मद जैद, नेशनल शूटर मोहम्मद अरशद, प्रापर्टी डीलर राजेश कुमार बघेल, भूपेंद्र सारस्वत, शिव कुमार सारस्वत, टीवी चैनल के पत्रकार शोभित चतुर्वेदी और सेवानिवृत्त असलाह बाबू संजय कपूर को नामजद किया गया है।
विशाल ने की थी शिकायत
विशाल भारद्वाज ने 26 सितंबर 2024 को एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से अवैध विदेशी शस्त्रों की खरीद-फरोख्त और फर्जी लाइसेंस बनवाने वालों की शिकायत की थी। आरोप लगाया था कि आरोपियों के संबंध जेल में बंद अपराधियों से भी हैं। फर्जीवाड़े की शिकायत के बाद से वह रंजिश मान रहे हैं।आरोपित भूपेंद्र सारस्वत और उनके साथी उसकी भाड़े के हत्यारों से जान से मरवाने की साजिश रच रहे हैं। विशाल भारद्वाज ने आरोप लगाया कि अलीगढ़ के कुख्यात सोनू गौतम को 20 लाख रुपये की सुपारी दी गई थी। वह आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। उसने शूटर हरेंद्र राणा को पांच लाख रुपये एडवांस भी दे दिया गया था।
जेल से धमकी दी
सोनू गौतम ने जेल से उसके साथी को काल करे धमकी दी थी। उसका साथ नहीं देने की हिदायत भी दी। 19 सितंबर 2024 को एक अन्य ने भी विशाल को वाट्सएप एप काल कर सजग रहने के लिए कहा था। शिकायत में भूपेंद्र सारस्वत पर आरोप लगाए गए हैं। 12 मई 2024 को विशाल पर शास्त्रीपुरम स्थित गोल चक्कर पर कार में हमला हुआ था। हमलावरों ने हाथ-पैर तोड़ दिए थे।एसटीएफ ने मामले की जांच की। इसमें शिकायकर्ता ने लिखित बयान दिए कि भूपेंद्र सारस्वत और उसका साथ शोभित चतुर्वेदी विवादित जमीनों को खरीदते हैं।
पत्रकारिता की आड़ में दलाली
शोभित चतुर्वेदी पत्रकारिता की आड़ में दलाली करता है, जिसके पुलिस और भ्रष्ट अधिकारियों से संबंध हैं। यह लोग शहर की महंगी जमीनें खरीदते हैं और सभी को अनैतिक लाभ पहुंचाते हैं। जांच के बाद एसटीएफ ने अपनी रिपोर्ट छह मार्च 2025 को पुलिस आयुक्त को भेजी। पुलिस आयुक्त कार्यालय से अपर पुलिस आयुक्त कार्यालय और वहां से रिपोर्ट पुलिस उपायुक्त नगर के कार्यालय पहुंची। यहां से रिपोर्ट एसीपी हरीपर्वत के कार्यालय में पहुंची।
सात अप्रैल को एसीपी हरीपर्वत ने सिकंदरा थाने को रिपोर्ट भेजते हुए तीन दिन में रिपोर्ट मांगी। मगर, इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अब थाने से रिपोर्ट और अधिकारियों के पत्र ही गायब हो गए।
अमिताभ ठाकुर ने डीजीपी को लिखा पत्र
फर्जी शस्त्र लाइसेंस का मामला लखनऊ तक पहुंच गया है। मंगलवार को आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने डीजीपी को पत्र लिखकर प्रकरण की जांच किसी एसीपी स्तर के अधिकारी से कराने की मांग की है। साथ ही पत्र में लिखा है कि यह प्रकरण बेहद गंभीर है। इसमें पहले अविलंब गिरफ्तारी हो। गैंगस्टर एक्ट लगे। आरोपित साक्ष्यों को नष्ट कर सकते हैं। रसूखदार है।
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