आगरा के मशहूर छोले भटूरे: ग्राहकों को खींचकर इन गलियों तक लाती है खाने की खुशबू, सेहत के साथ स्वाद कॉकटेल
आगरा में बेनीराम और भजनलाल के छोले-भटूरे दशकों से मशहूर हैं। बेनीराम, बेलनगंज में तवा भटूरे और तंदूरी छोले के लिए प्रसिद्ध हैं, जहां सुबह से शाम तक ग्राहकों की भीड़ रहती है। वहीं, भजनलाल ने तवे पर सिंके भटूरे की शुरुआत की, और अब कमला नगर में उनकी दुकान चल रही है, जहाँ इमली और धनिया की चटनी के साथ छोले-भटूरे मिलते हैं।

तवा के भटूरे।
जागरण टीम, आगरा। छोले-भटूरे। चर्चा छिड़ते ही स्वाद के शौकीनों की जुबान पर पानी आने लगता है। आगरा की गलियों और बाजारों में भी छोले-भटूरों के दुकानों की कमी नहीं है। यहां छह दशक से भजनलाल के छाेले-भूटरों का स्वाद बरकरार है। कहा जाता है कि भजनलाल ने ही आयल फ्री छाेले-भटूरों की शुरुआत शहर में की थी। बेलनगंज में बेनीराम के यहां छोले और तवा भटूरा खाने को सुबह से शाम ढलने तक लाइन लगती है। इनका तंदूरी छोला और पनीर तवा भटूरा स्वाद में बेजाेड़ है।
बेनीराम छोले-भटूरे के यहां सुबह से शाम तक लगती है लाइन
बेलनगज स्थित बेनीराम छोले-भूटरे वालों की दुकान क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध है। जय भोले के अभिवादन से ग्राहकों का अभिवादन करने वाले सुनील जोशी बताते हैं कि उनके दादा बेनीराम ने 50 वर्ष से पहले खोमचे से छोले और तवा भूटरा बेचने की शुरुआत की थी। वह बेलनगंज में ही यह काम करते थे। उनके बाद पिता ने यह काम संभाला। स्वाद और गुणवत्ता से समझौता नहीं करने की वजह से सुबह 10 से रात आठ बजे तक ग्राहक लाइन में लगे रहते हैं।
भटूरे को हाफ फ्राई कर रख लिया जाता है, बाद में उसे तवे पर सेंककर छोलों के साथ परोसते हैं। इससे उसमें अतिरिक्त तेल नहीं होता है। सेहत के प्रति फिक्रमंद लोगों को यह पसंद आता है। समय के साथ कदमताल करते हुए उन्होंने पनीर तवा भटूरा और तंदूरी छोले बेचना भी शुरू किया है। इसका स्वाद ग्राहकों को पसंद आता है। जीवनी मंडी से आए किशन ने बताया कि वह सात-आठ वर्ष से छोले और तवा-भटूरे खाने आ रहे हैं। स्वाद बढ़िया है। मुझे तंदूरी छोले और पनीर तवा भटूरा खाना पसंद है।
भजनलाल के छोले भूटरों का छह दशक से स्वाद है बरकरार
राजा मंडी बाजार से गुजरें हैं तो भजन लाल के छाेले-भटूरों की खुशबू ने आपको जरूर खींचा होगा। करीब छह दशक पूर्व भजन लाल ने छोटी सी दुकान से शुरुआत की थी। तवे पर सिंके भटूरे बेचने की शुरुआत शहर में उन्होंने की थी। दुकान में इतनी जगह भी नहीं थी कि उसमें कोई सामान के साथ बैठ सके। चीनी-मिट्टी के बर्तनों में परोसे जाने वाले छोले-भटूरे उस समय एक रुपये हुआ करती थी। समय बदला वो छोटी सी दुकान तो अब नहीं रही, कमला नगर के ई ब्लाक में भजन लाल के छोले भटूरे की दुकान है। इसे उनके बेटे राजू संभालते हैं। इमली की चटनी और हरी धनिया की चटनी के साथ सर्व किए जाने वाले छाेलों का स्वाद बेजाेड़ है। राजा की मंडी में भी भारत टाकीज की पार्किंग के परिसर मेें भी भजन लाल की छोले-भटूरे की दुकान है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।