Agra Lucknow Expressway: सर्दियों में घटाई जाएगी रफ्तार, रात में करना होगा नियम का पालन
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर सर्दियों में कोहरे के कारण दृश्यता कम होने से दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए, यात्रियों की सुरक्षा के लिए गति सीमा को कम करने का निर्णय लिया गया है। रात में विशेष सावधानी बरतने और नियमों का पालन करने की सलाह दी गई है। उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, आगरा। यमुना एक्सप्रेसवे की तरह आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे पर सर्दियों में वाहनाें की गति सीमा 120 किमी प्रति घंटा से घटाकर 75 किमी की जाएगी।
एक्सप्रेसवे पर रात 12 से सुबह आठ बजे तक होने वाले 70 प्रतिशत सड़क हादसों को रोकने के लिए उप्र औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने इस पर सहमति जताई है।
लखनऊ एक्सप्रेसवे पर हादसे की ड्रोन से रिकार्डिंग किए जाने से दुर्घटना के वास्तविक कारणों की वैज्ञानिक जांच व विश्लेषण संभव होगा। सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट, दिल्ली से सड़क सुरक्षा आडिट कराया जाएगा।
इससे पूर्व वर्ष 2019 में आडिट हुआ था। एक्सप्रेसवे के सेंट्रल मीडियन पर 90 करोड़ रुपये की लागत से क्रैश बैरियर लगाया जाएगा।
लखनऊ पिकअप में विगत दिवस हुई बैठक में यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी दीपक कुमार ने इसके लिए सहमति प्रदान की।
उन्होंने स्पष्ट किया कि ट्रैफिक उल्लंघन जैसे लेन में नहीं चलने, दोपहिया वाहन चालकों द्वारा तीन सवारी बैठाने, हेलमेट नहीं पहनने की निगरानी अब ई-मानीटरिंग से की जाएगी। इंटरसेप्टर वाहनों व लेजर कैमरों से भी चालान किए जाएंगे।
बैठक में वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन ने एक्सप्रेसवे की सड़क सुरक्षा के लिए प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि एक्सप्रेसवे पर दुर्घटना में मृतक के स्वजन को पांच लाख रुपये का मुआवजा तुरंत दिया जाए।
इसके लिए प्रति वाहन 10 रुपये अतिरिक्त टोल के रूप में लिए जा सकते हैं। एक्सप्रेसवे पर हो रही दुर्घटनाओं को देखते हुए सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। जैन ने कहा कि गति रुक सकती है, जीवन नहीं।
लखनऊ एक्सप्रेसवे को अब केवल गति का नहीं, बल्कि सुरक्षा का प्रतीक बनाना ही असली उपलब्धि होगा। यह सड़क मौत का गलियारा नहीं, बल्कि जीवन का मार्ग कहलाए। बैठक में अतिरिक्त सीईओ एचपी साही, मुख्य सामान्य प्रबंधक एसके श्रीवास्तव समेत अन्य अधिकारी रहे।

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