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    आगरा नेशनल हाईवे-19 से नहीं हटेगा फुट ओवर ब्रिज, मेट्रो के पिलरों की ऊंचाई में ढाई से तीन मीटर की बढ़ोतरी

    Updated: Wed, 08 Oct 2025 11:01 AM (IST)

    आगरा में नेशनल हाईवे-19 पर बने फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) को मेट्रो रेल कॉरपोरेशन नहीं हटाएगा। एफओबी को बचाने के लिए पिलरों की ऊंचाई बढ़ाई जा रही है। गुरु का ताल और अबुल उल्लाह दरगाह के पास काम शुरू हो गया है। पूर्व में एफओबी को हटाने की योजना थी लेकिन अब संयुक्त सर्वे के बाद इसे बचाने का निर्णय लिया गया है।

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    हाईवे पर बिना एफओबी को हटाए बनेंगे मेट्रो के पिलर

    जागरण संवाददाता, आगरा। नेशनल हाईवे-19 पर छह साल पूर्व बने फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) को नहीं हटाया जाएगा। उप्र मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूपीएमआरसी) की टीम एफओबी को बिना हटाए मेट्रो के पिलर का निर्माण करेगी। गुरु का ताल कट के पास बने एफओबी पर काम चालू हो गया है। अबुल उल्लाह की दरगाह के पास बने एफओबी के पास जल्द काम चालू होने जा रहा है।

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    भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने दोनों एफओबी का निर्माण 11-11 करोड़ रुपये से किया था। यूपीएमआरसी ने एफओबी को बचाने के लिए दोनों ही जगहों पर पिलरों की ऊंचाई में ढाई से तीन मीटर की बढ़ोतरी कर दी है।

    गुरु का ताल और अबुल उल्लाह की दरगाह के पास बने हैं एफओबी

    एनएचएआई मथुरा खंड ने वर्ष 2018 में नेशनल हाईवे पर आधा दर्जन स्थलों पर एफओबी बनाने का प्रस्ताव तैयार किया था। इसमें शास्त्रीपुरम रेल ओवर ब्रिज, कैलाश मंदिर मोड़ के पास, गुरु का ताल कट के पास, अबुल उल्लाह की दरगाह प्रमुख रूप से थे।

    इसमें गुरु का ताल और अबुल उल्लाह की दरगाह के पास से होकर मेट्रो ट्रैक गुजर रहा है। दोनों ही जगहों पर पिलरों का निर्माण चालू कर दिया है। रिग मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है।

    एनएचएआई ने छह साल पूर्व 11-11 करोड़ से किया था निर्माण

    आठ माह पूर्व हुए सर्वे में दोनों एफओबी को हटाया जाना था लेकिन एक माह पूर्व संयुक्त सर्वे किया गया। इसमें एफओबी को न हटाते हुए कार्य कराने पर जोर दिया गया था।

    संयुक्त महाप्रबंधक, जनसंपर्क पंचानन मिश्र ने बताया कि सामान्यतौर मेट्रो पिलर की ऊंचाई 11 से 12 मीटर तक है। हाईवे पर जिन जगहों पर एफओबी है। वहां पर पिलरों की ऊंचाई साढ़े 13 मीटर से 15 मीटर की जा रही है। इससे एफओबी को हटाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। गुरु का ताल के पास रिग मशीन से पाइलिंग शुरू हो गई है। यह कार्य पांच से सात दिनों में पूरा हो जाएगा।

    यमुना पर नहीं चालू हुआ कार्य 

    बरसात और यमुना नदी के जलस्तर में कमी न होने के कारण यूपीएमआरसी की टीम अभी तक पुल का निर्माण शुरू नहीं कर सकी है। यह कार्य चार माह से बंद है। 200 करोड़ रुपये से पुल का निर्माण होना है।