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    UPMRC ने बदल दिया डिजाइन, अब बिना गुरु का ताल ROB हटाए हाईवे पर बनेगा मेट्रो ट्रैक

    Updated: Fri, 22 Aug 2025 12:16 PM (IST)

    आगरा में यातायात को सुगम बनाने के लिए यूपीएमआरसी ने आईएसबीटी से गुरु का ताल के बीच एलिवेटेड मेट्रो ट्रैक की डिजाइन बदली है। पिलरों की ऊंचाई बढ़ने से गुरु का ताल एफओबी नहीं हटेगा जिससे 11 करोड़ रुपये की लागत से बने एफओबी को बचाने में मदद मिलेगी। 26 मीटर लंबा गर्डर लगेगा।

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    बिना गुरु का ताल एफओबी हटाए हाईवे पर बनेगा मेट्रो ट्रैक। जागरण

    जागरण संवाददाता, आगरा । यातायात की परेशानी को देखते हुए उप्र मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूपीएमआरसी) ने आइएसबीटी से गुरु का ताल के मध्य एलीवेटेड मेट्रो ट्रैक की डिजाइन में बदलाव किया है। पिलरों की ऊंचाई को एक से डेढ़ मीटर तक बढ़ाया जा रहा है।

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    इससे नेशनल हाईवे-19 स्थित गुरु का ताल फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) को हटाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस हिस्से में 26 मीटर से अधिक लंबा गर्डर रखा जाएगा। इससे मेट्रो ट्रैक के निर्माण में भी परेशानी नहीं होगी।

    11 करोड़ से गुरु का ताल एफओबी का किया था निर्माण 

    भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) मथुरा खंड ने वर्ष 2020 में 11 करोड़ रुपये से गुरु का ताल एफओबी का निर्माण किया था। शुरुआत में एफओबी का विरोध भी हुआ। जिस पर इसके स्थल पर में 200 मीटर का बदलाव किया गया।

    यूपीएमआरसी ने एफओबी को हटाने का प्रस्ताव तैयार किया था। आइएसबीटी से लेकर गुरु का ताल होते हुए सिकंदरा तिराहा तक एलीवेटेड ट्रैक बन रहा है। पांच रिग मशीनों से पाइलिंग की जा रही है। दो सप्ताह पूर्व गुरु का ताल के पुराने कट को बंद करते हुए 100 मीटर की दूरी पर नया कट चालू किया गया है।

    यूपीएमआरसी के अधिकारियों की हुई बैठक

    हाल ही में यूपीएमआरसी के अधिकारियों की बैठक हुई। इसमें एफओबी को लेकर विचार विमर्श किया गया। एक अधिकारी ने बताया कि अगर एफओबी को हटाया जाता है तो इसमें तीन से चार सप्ताह लगेंगे। पूरा लोहा एक ही जगह पर रखना होगा। मेट्रो ट्रैक बनने के बाद फिर से एफओबी का निर्माण करना था। मगर, अब एलीवेटेड ट्रैक की डिजाइन में बदलाव किया गया है। सामान्य तौर पर पिलरों की ऊंचाई 11 से 12 मीटर तक है।

    आइएसबीटी से रेनबो हास्पिटल के पास पिलरों की ऊंचाई को 13 से साढ़े 13 मीटर कर दिया जाएगा। इससे एफओबी को हटाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे जाम की समस्या भी नहीं होगी।

    26 मीटर लंबे गर्डर का प्रयोग किया जाएगा। इससे एफओबी के दोनों तरफ मशीनें लगेंगी। तभी एलीवेटेड मेट्रो ट्रैक का कार्य पूरा हो सकेगा। यह कार्य मार्च 2026 तक पूरा होगा।