Agra News: आज फिर से आएगा उफान, खतरे के निशान पर पहुंचेगी यमुना नदी; गोकुल बैराज से छोड़ा गया 705635 क्यूसेक पानी
गोकुल बैराज से यमुना नदी में पानी छोड़ने से आगरा में जलस्तर बढ़ रहा है। शुक्रवार तक जलस्तर खतरे के निशान 495 फीट तक पहुंचने की आशंका है जिससे सदर फतेहाबाद एत्मादपुर और बाह के कई गाँव प्रभावित होंगे। बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है और लेखपालों को निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।

जागरण संवाददाता, आगरा। गोकुल बैराज से यमुना नदी में 70,635 क्यूसेक पानी छोड़ने का असर गुरुवार शाम से दिखना शुरू हो गया। यमुना के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।
शुक्रवार को जलस्तर खतरे के निशान 495 फीट तक पहुंच जाएगा। उफान की चपेट में तहसील सदर, फतेहाबाद, एत्मादपुर और बाह के ढाई दर्जन गांव आएंगे। बाढ़ चौकियों को सक्रिय करते हुए संबंधित लेखपालों को जलस्तर पर नजर रखने के लिए कहा गया है।
पिछले सप्ताह हथिनीकुंड बैराज सहारनपुर से डेढ़ लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। इससे यमुना नदी का जलस्तर 496 फीट तक पहुंच गया था। हथिनीकुंड से छोड़े गए पानी को गोकुल बैराज में भी रोक लिया गया था। अब लगातार बरसात हो रही है। ऐसे में गुरुवार को गोकुल बैराज से 70,635 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जिससे जलस्तर 494 फीट पर पहुंच गया। शुक्रवार को जलस्तर 495 फीट पर पहुंच जाएगा। यह खतरे का निशान है। जलस्तर बढ़ने से नाले एक बार फिर से बैक मारना शुरू कर देंगे।
इससे नदी के आसपास की कालोनियों और मुहल्लों की सड़कों में पानी भर सकता है। एडीएम वित्त एवं राजस्व शुभांगी शुक्ला ने बताया कि तहसील सदर, एत्मादपुर, बाह और फतेहाबाद एसडीएम को सतर्क कर दिया गया है। 28 बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है।
संबंधित लेखपालों की ड्यूटी लगा दी गई है। नदी का जलस्तर बढ़ने से एक बार फिर से मनोहरपुर की झोपड़ियां, बल्केश्वर के पार्वती घाट सहित अन्य क्षेत्र डूब सकते हैं। 1,500 बीघा फसलों के जलमग्न होने से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
खतरे के निशान से दो फीट नीचे बह रही उटंगन
उटंगन नदी के जलस्तर में गुरुवार को दो फीट की कमी आई। जलस्तर 538 फीट पर पहुंच गया। भरतपुर से पानी छोड़ने से नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई थी। इस सीजन में यह दूसरी बार हुआ है कि जब जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया हो।
तेजी से कम हो रहा जलस्तर
चंबल नदी के जलस्तर में तेजी से कमी आ रही है। गुरुवार शाम जलस्तर 121 मीटर रहा। चंबल में खतरे का निशान 130 मीटर है। इस सीजन में दो बार चंबल खतरे के निशान को पार कर चुकी है।
जल्द शुरू होगा सर्वे
डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी का कहना है कि चंबल, यमुना और उटंगन नदी में आई बाढ़ से जो भी फसलों का नुकसान हुआ है। उसका सर्वे होगा। 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने पर मुआवजा का प्रविधान है।
फसलों के नुकसान के सदमे से नहीं उबरे किसान
पिछले सप्ताह यमुना नदी का जलस्तर 496 फीट तक पहुंच चुका है। इससे दो हजार बीघा से अधिक फसल नष्ट हो चुकी है। दो से तीन दिनों तक पानी भरा रहा। सबसे अधिक नुकसान फतेहाबाद, बाह और तहसील सदर के किसानों को हुआ है। पूरी फसल नष्ट हो गई है। किसान ज्ञान सिंह का कहना है कि प्रकृति की दूरी बार मार पड़ रही है। मुआवजा मामूली मिलेगा।
इससे गुजर बसर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हरी सब्जियों की फसल नष्ट हुई है। किसान विजय निषाद ने बताया कि तीन बीघा में हरी सब्जियां की बोआई की थी। पूरी फसल खत्म हो गई है। अब फिर से बाढ़ आ रही है। एसडीएम सदर सचिन राजपूत का कहना है कि जलस्तर में कमी होने के बाद सर्वे चालू होगा।
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