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    Agniveer योजना का विरोध करना पड़ गया भारी, टूट गया सेना भर्ती का सपना; मुकदमा भी झेलना पड़ा

    By Neelesh Kumar Edited By: Prateek Gupta
    Updated: Fri, 05 Dec 2025 06:58 PM (IST)

    आगरा में अग्निवीर योजना के विरोध में प्रदर्शन करने वाले युवाओं को भारी नुकसान हुआ। 13 नामजद और 35 अज्ञात युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ, जिससे उनका स ...और पढ़ें

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    सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।

    जागरण संवाददाता, आगरा। अग्निवीर सेना भर्ती योजना के विरोध की आग आगरा तक पहुंची थी। सेना भर्ती के लिए तैयारी कर रहे अग्निवीर के विरोध में सड़क पर उतर आए थे।

    विरोध प्रदर्शन में शामिल 13 नामजद व 35 अज्ञात युवकों के खिलाफ मलपुरा थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। मुकदमे में नामजद किए गए युवकों का सेना भर्ती का सपना टूट गया। मुकदमे में नाम होने के कारण सेना के साथ ही सरकारी नौकरी में अड़चन आई।

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    अब कोई कोचिंग सेंटर चला रहा है तो कोई खेती करके जीवनयापन कर रहा है। समय-समय पर मुकदमे की पैरवी के लिए न्यायालय भी जाना पड़ा है।

    केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 में अग्निवीर सेना भर्ती योजना का एलान किया था। सेना भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं ने योजना के विरोध में आंदोलन किया। सड़कों पर तोड़फोड़ के साथ आगजनी की घटना हुई।

    सबसे ज्यादा विरोध मलपुरा, कागारौल व किरावली क्षेत्र में हुआ। 17 जून 2022 को मलपुरा थाने में तत्कालीन थानाध्यक्ष तेजवीर सिंह ने 13 नामजद व 35 अज्ञात युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। कई युवाओं को जेल भी जाना पड़ा था।

    जिन युवकों पर मुकदमा दर्ज हुआ उनमें से एक कागारौल के गांव दिगरौता में रहने वाले अनुज अब प्राइवेट कोचिंग चला रहे हैं। उनका कहना है कि उस समय वह नाबालिग थे, इस कारण उन्हें अदालत से जमानत मिल गई थी।

    मुकदमा दर्ज होने के कारण सेना भर्ती का सपना आंखों में ही टूट गया है। सरकारी नौकरी के लिए प्रयास किए, लेकिन दर्ज मुकदमा राह का रोड़ा बन गया।

    Candidate Agniveer

    हर्ष चाहर। 

    मलपुरा के हर्ष चाहर का कहना है कि वर्ष 2022 में वह इंटरमीडिएट कर रहे थे। गांव बाद के पुल के पास प्रदर्शन हो रहा था। वह भी शोर सुनकर तमाशा देखने पहुंच गए। उन्हें पुलिस ने पकड़कर लिया। दो महीने बाद जेल से रिहा हुए।

    घर वाले सेना में भर्ती होने का सपना संजोये थे, लेकिन जेल जाने से सपना चकनाचूर हो गया। हालांकि उन्होंने इंटरमीडिएट उत्तीर्ण कर ली है। मुकदमा दर्ज होने के कारण सरकारी नौकरी नहीं मिली। अब खेतीबाड़ी में पिता का हाथ बंटा रहे हैं।

     

    मुकदमे के कारण भर्ती देखना बंद कर दिया

    मलपुरा के गांव बाद में रहने वाले शिवम चाहर के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हुआ था। उनका कहना था कि वह सेना, एयरफोर्स व नेवी में भर्ती देख रहे थे। मुकदमा दर्ज होने पर दो महीने तक जेल में रहना पड़ा था। इस कारण पढ़ाई रुक गई।

    बाद में बड़े भाई विष्णु चाहर के समझाने पर स्नातक किया। नौकरी का प्रयास किया, लेकिन मुकदमा दर्ज होने के कारण नहीं मिली। अब बड़े भाई के मिट्टी-बालू के सप्लाई कार्य में हाथ बंटा रहा हूं।