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    Diwali 2025: दिवाली पर उल्लुओं को इंसानों से खतरा, वन विभाग की चेतावनी जारी; हो सकती है जेल

    Updated: Sun, 19 Oct 2025 07:24 AM (IST)

    दीपावली पर उल्लुओं की पूजा और बलि को लेकर वन विभाग ने चेतावनी जारी की है। ऐसा करने वालों पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जुर्माना और जेल भी शामिल है। उल्लू तस्करी के हॉटस्पॉट चिन्हित किए गए हैं, जहाँ तस्कर उल्लुओं को बेचते हैं। वन विभाग ने लोगों से तस्करी की सूचना हेल्पलाइन पर देने की अपील की है। दीपावली को वन्यजीवों के लिए सुरक्षित बनाने का आह्वान किया गया है।

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    प्रस्तुतीकरण के लिए सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।

    जागरण संवाददाता, आगरा। दीपावली का त्योहार खुशियों का प्रतीक है, लेकिन कुछ अंधविश्वास के कारण वन्यजीवों पर खतरा मंडराने लगा है। ऐसे में वन विभाग ने चेतावनी जारी की है कि दीपावली पर घरों में उल्लू रखना या उसकी पूजा करना कानूनी अपराध है। यदि कोई ऐसा करता पकड़ा गया, तो उसके खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसमें जुर्माना, जेल और संपत्ति जब्ती शामिल हो सकती है।

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    दीपावली पूजन में अंधविश्वास में हाेती है वन्यजीवों की हत्या

     

    जिला वन अधिकारी (डीएफओ) राजेश कुमार ने कहा, उल्लू को बलि चढ़ाने या तंत्र-मंत्र के लिए इस्तेमाल करना गलत है। यह न केवल अपराध है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी हानिकारक है। शहर और आसपास के क्षेत्र उल्लू तस्करी के बड़े केंद्र रहे हैं। वन्यजीव विशेषज्ञ डा. केपी सिंह के अनुसार, दीपावली के दौरान कुछ लोग मानते हैं कि उल्लू की बलि से धन-समृद्धि घर में टिक जाती है। इस अंधविश्वास के चलते हजारों उल्लू हर साल मारे जाते हैं। भारत में 30 प्रजातियों के उल्लू हैं, जिनमें से 15 पर तस्करी का खतरा है।

     

    वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत पकड़े जाने पर होगी कार्रवाई

     

    जिले के कोरई-करावली गांव और फतेहपुर सीकरी के पास के क्षेत्र इस अवैध कारोबार के हाटस्पाट है। यहां तस्कर उल्लू को दो से 15 हजार रुपये में बेचते हैं और कभी-कभी घर तक डिलीवर कर देते हैं। पिछले वर्षों में वन विभाग ने कई बड़ी कार्रवाइयां की हैं। वर्ष 2016 में दीपावली से ठीक पहले वाइल्डलाइफ एसओएस ने कोरई गांव से कई तस्करों को पकड़ा था। एक छापे में दर्जनों उल्लू बरामद हुए, जिन्हें तांत्रिकों को बेचा जाना था।

    तस्करों पर वन्यजीव अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया। वन विभाग ने इसे लेकर खास टीम गठित की है। लोग उल्लू तस्करी की सूचना 1926 हेल्पलाइन पर दे सकते हैं। डीएफओ ने कहा, दीपावली को रोशनी का त्योहार बनाएं, न कि वन्यजीवों के लिए अंधेरा।