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    Agra News: डीएनए जांच से सुलझ रहीं उलझी गुत्थी, फोरेंसिक लैब में सुरक्षित हैं 120 से अधिक DNA टेस्ट सीक्वेंंस

    आगरा फोरेंसिक लैब ने डीएनए टेस्ट के माध्यम से 120 से अधिक मामलों को सुलझाया है। अलीगढ़ के लापता बालक मामले और पालनहार मां के मामले में डीएनए जांच ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लैब में 2021 से डीएनए परीक्षण शुरू हुआ जिसमें आधुनिक उपकरणों का उपयोग किया जाता है। नमूनों को 10 वर्षों तक सुरक्षित रखा जाता है।

    By Ali Abbas Edited By: Abhishek Saxena Updated: Wed, 27 Aug 2025 11:51 AM (IST)
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    विधि विज्ञान प्रयोगशाला आगरा की फोटो। फाइल

    जागरण संवाददाता, आगरा। अलीगढ़ के क्वार्सी थाना क्षेत्र के रहने वाले बृजमोहन का छह वषीय पुत्र अगस्त 2019 में लापता हो गया था। पुलिस ने चार वर्ष बाद फिरोजाबाद के राजकीय बाल गृह में रहने वाले बालक को फरवरी 2023 बृजमोहन को दिया।दावा किया कि वह बृजमोहन का पुत्र है।माता-पिता को शक हुआ कि बालक उनका बेटा नहीं है, पितृत्व की डीएनए जांच कराई तो पता चला कि सौंपा गया बालक उनका बेटा नहीं है।

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    दूसरा चर्चित मामला पालनहार मां का था। राजकीय शिशु गृह में रह रही बालिका को पालनहार मां को सौंपने में डीएनए जांच ने अहम भूमिका निभाई थी। एक किन्नर द्वारा खंदौली की महिला को दी गई नवजात बालिका का मामला छह वर्ष बाद न्यायालय पहुंचा था।

    बालिका को पाने के लिए पालनहार मां ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। इसी दौरान ट्रांस यमुना के एक दंपती ने बालिका के जैविक माता-पिता होने का दावा कर दिया। हाईकोर्ट ने दंपती और बालिका के डीएनए परीक्षण कराने का आदेश दिया।

    150 से अधिक डीएनए से संबंधित केसों की गुत्थी सुलझा चुकी है लैब

    फोरेंसिक लैब में डीएनए मिलान नहीं होने पर हाई कोर्ट ने बालिका को पालनहार मां को सौंपने के आदेश दिए।आगरा फोरेंसिक लैब इस तरह के दर्जनो मामलों की गुत्थी काे सुलझा चुकी है।लैब में डीएनए टेस्ट कराने की प्रक्रिया वर्ष 2021 में आरंभ हुई थी।

    विज्ञानियों द्वारा अब तक 120 से अधिक मामलों में डीएनए परीक्षण करके पुलिस को अहम साक्ष्य देकर मदद कर चुकी है। लैब में आने वाले नमूनाें की डीएनए सीक्वेंसिंग को विज्ञानियों द्वारा 10 वर्ष तक सुरक्षित रखा जाता है। इससे कि भविष्य में जांच में कोई संदेह होने पर उक्त नमूने का दोबारा परीक्षण कराया जा सके।

    ये है डीएनए सीक्वेंसिंग या अनुक्रमण

    डीएनए अनुक्रमण या सीक्वेंसिंग वह विधि है जो चार न्यूक्लियोटाइड आधारों एडेनिन, थाइमिन,साइटोसिन ओर ग्वानिन (ए.टी.सी.जी) के क्रम को निर्धारित करती है। एटीजीसी डीएनए अणु बनाते हैं और महत्वपूर्ण अनुवांशिक जानकारी देते हैं। मानव जीनोम में लगभग तीन बिलियन आधार जोड़े होते हैं।

    ये हैं डीएनए सीक्वेंसर

    डीएनए सीक्वेंसर ऐसे उपकरण हैं जो डीएनए नमूनों को पढ़ते हैं और प्रतीकों के साथ एक इलेक्ट्रानिक फाइल उत्पन्न करते हैं।जो नमूनों के नाइट्रोजन आधारों एडेनिन, थाइमिन, साइटोसिन व ग्वानिन का प्रतिनिधित्व करते हैं।

    ये हैं डीएनए लैब के प्रमुख उपकरण

    संयुक्त निदेशक अशोक कुमार के अनुसार फोरेंसिक लैब में डीएनए नमूनों की जांच से संबंधित सभी अत्याधुनिक उपकरण मौजूद हैं। जिनमें जेनेटिक एनालाइजर, आरटीपीसीआर एचआइडी, आटोमैटिक डीएनए एक्सटेंशन इंस्ट्रूमेंट और बायो केमिकल शामिल हैं।एक डीएनए किट का मूल्य कई लाख रुपये होता है। जिससे 150 से 200 तक परीक्षण किए जा सकते हैं। विज्ञानियों की टी

    इन जिलों से आती हैं डीएनए की जांच

    इटावा, कन्नौज, फर्रुखाबाद, मैनपुरी, फिरोजाबाद, मथुरा, अलीगढ़, हाथरस, एटा और कासगंज जिलों के डीएनए जांच के मामले भेजे जाते हैं।