Agra News: नकली दवा व्यापारी का हवाला कनेक्शन उजागर! STF को 1 करोड़ की रिश्वत में देने वाले नोटों थे नम
आगरा में नकली दवा कारोबारी हिमांशु अग्रवाल का नाम हवाला कारोबार से जुड़ने पर सामने आया है। वर्ष 2022 में गुजरात में पकड़े गए एक हवाला एजेंट की चैट में उसका नाम मिला था। एसटीएफ को रिश्वत देते समय उसने हवाला में रुपये होने की बात कही थी। आयकर विभाग भी उसकी अघोषित आय की जांच कर रहा है और एसटीएफ शहर में हवाला कारोबारियों की तलाश कर रही है।

जागरण संवाददाता, आगरा। नकली दवा कारोबारी हिमांशु अग्रवाल के तार हवाला कारोबार से भी जुड़े हैं। तीन साल पहले गुजरात में पकड़े गए हवाला एजेंट की चैट से उसका नाम सामने आया था। एसटीएफ को रिश्वत देते समय खुद आरोपित ने उसके रुपये हवाला पर होने की बात कई थी। इसका जिक्र एफआईआर में किया गया है। एसटीएफ अब हवाला कारोबार से जुड़े एजेंटों के बारे में सुराग लगाने में जुट गई है।
नकली दवा सिंडिकेट का पर्दाफाश करते वक्त एसटीएफ ने कर्मयोगी कमलानगर में रहने वाले नकली दवा कारोबारी हिमांशु अग्रवाल को एक करोड़ रुपये की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपित की अघोषित आय के बारे में पता लगाने में आयकर विभाग की टीम भी जुट गई है।
वर्ष 2022 में गुजरात में पकड़े गए हवाला एजेंट की चैट में नाम आया था सामने
आयकर विभाग के अधिकारियों ने कोतवाली पहुंचकर पूरे मामले की जानकारी की। जांच में जुटे अधिकारियों ने एसटीएफ को बताया कि वर्ष 2022 में गुजरात में हवाला एजेंटों को पकड़ा था। एक एजेंट के मोबाइल चैट में रावत पाड़ा के कुछ लोगों के साथ ही हिमांशु अग्रवाल का नाम सामने आया था। उस समय आयकर विभाग की टीम ने हिमांशु अग्रवाल के लेनदेन की जांच करने के बाद आयकर विभाग ने उसके खिलाफ असेसमेंट खोल दिया था।
आरोपित ने रिश्वत देते समय हवाला पर रुपये होने की बात एसटीएफ को भी बताई
इंस्पेक्टर एसटीएफ यतींद्र शर्मा ने बताया कि आयकर विभाग के अफसरों ने हिमांशु अग्रवाल का पूर्व में हवाला कारोबार में नाम शामिल होने की जानकारी दी है। आरोपित ने रिश्वत के एक करोड़ रुपये देते वक्त ये रुपये अपने बताते हुए हवाला में पड़े होने की बात कही थी। नकली दवा में हवाला की बात सामने आने पर एसटीएफ शहर में हवाला कारोबार से जुड़े लोगों की तलाश में जुट गई है।
नोटों की गडि्डयों में थी नमी
एसटीएफ का कहना है कि हिमांशु अग्रवाल की ओर से रिश्वत के एक करोड़ रुपये पांच-पांच सौ रुपये की दो सौ गड्डियों में दिए थे। नोटों की गड्डियों में नमी थी। इससे भी स्पष्ट होता है कि रुपया हवाला का है और कहीं छिपाकर रखा गया था। गड्डियों में नमी इतनी थी कि नोटों की मशीन से गिनती नहीं हो सकी। इसके बाद टीम के सदस्यों ने हाथों से नोटों की गिनती की।
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