Updated: Fri, 05 Sep 2025 02:54 PM (IST)
आगरा में 2500 रुपये तक के जूते और हैंडीक्राफ्ट उत्पादों पर जीएसटी दर को घटाकर 5% कर दिया गया है। जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिए गए इस निर्णय से व्यापारियों और आम जनता को राहत मिलेगी। जूता और पच्चीकारी कारोबार में वृद्धि की उम्मीद है क्योंकि घरेलू बाजार में उत्पादों की मांग बढ़ने की संभावना है। इस कदम से स्थानीय कारीगरों को भी लाभ होगा।
जागरण संवाददाता, आगरा। जीएसटी काउंसिल की बुधवार को शुरू हुई 56वीं बैठक में जीएसटी की दर कम किए जाने पर आम आदमी से लेकर कारोबारियों तक खुशी छा गई। रोजमर्रा की वस्तुएं सस्ती होने के साथ ही इलाज भी सस्ता होगा। आगरा के परंपरागत जूता और पच्चीकारी (हैंडीक्राफ्ट) कारोबार को जीएसटी दर कम किए जाने से बूम मिलेगा। अमेरिका द्वारा टैरिफ को बढ़ाकर 50 प्रतिशत किए जाने से जूता व हैंडीक्राफ्ट कारोबारी निर्यात कम होने की चिंता में परेशान हाे उठे थे। उन्हें अब नई उम्मीद जगी है।
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जूता कारोबार सबसे अधिक रोजगार उपलब्ध कराने वाले क्षेत्रों में शामिल है। इसमें करीब 3.5 लाख लोग प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं। आगरा से करीब पांच हजार करोड़ रुपये का निर्यात और करीब 20 हजार करोड़ रुपये का घरेलू कारोबार होता है। अमेरिका द्वारा 50 प्रतिशत टैरिफ किए जाने से यहां के निर्यातकों को आर्डर कम होने की चिंता सता रही थी। उन्होंने अमेरिका के बजाय नए बाजार तलाशना शुरू कर दिए हैं।
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इसके साथ ही घरेलू बाजार पर ध्यान दिया जा रहा था। 2500 रुपये तक के जूते पर केवल पांच प्रतिशत जीएसटी किए जाने से अब घरेलू कारोबार बढ़ने की उम्मीद कारोबारियों को लगी है। संगमरमर पर पच्चीकारी उद्योग को भी बड़ी राहत मिली है। आगरा से 80 प्रतिशत हैंडीक्राफ्ट का निर्यात अमेरिका होता था। अमेरिका द्वारा आयात शुल्क 50 प्रतिशत किए जाने से निर्यात के आर्डर कम होने लगे थे।
12 प्रतिशत जीएसटी से घरेलू खरीदार भी खरीदारी में हिचकते थे। 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से ही पच्चीकारी कारोबारी इसे कम किए जाने की मांग उठा रहे थे, जिसे घटाकर अब पांच प्रतिशत कर दिया गया है। आगरा के करीब 35 हजार से अधिक शिल्पी इस कला से जुड़े हैं, जिनमें से अधिकांश वंचित और कमजोर तबकों से आते हैं।
यह हुए प्रमुख बदलाव
- नई दरों के अनुसार अब 2500 रुपये तक के फुटवियर पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा, जबकि पहले एक हजार रुपये तक के जूते पर 12 प्रतिशत जीएसटी था।
- अब 25्र00 रुपये से अधिक के फुटवियर पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा, जबकि पहले एक हजार रुपये से अधिक के फुटवियर पर 18 प्रतिशत जीएसटी था।
- मार्बल स्टोन से बनी ट्रे, बाउल, कप, मूर्ति, पच्चीकारी आदि हैंडीक्राफ्ट वस्तुओं पर अब पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा। पहले यह पांच प्रतिशत था।
- चमड़े पर जीएसटी को 12 से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है।
- 2500 रुपये तक के रेडीमेड गारमेंट्स पर अब पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा। अभी तक एक हजार रुपये के कपड़ों पर पांच प्रतिशत जीएसटी था।
- 7500 रुपये प्रतिदिन से कम टैरिफ वाले होटल पर जीएसटी 12 से घटाकर पांच प्रतिशत बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) कर दिया गया है।
2500 रुपये तक के जूते पर जीएसटी पांच प्रतिशत किया जाना, निश्चित ही शहर के जूता उद्योग को खुशी और उत्साह बढ़ाने वाली खबर है। इसके लिए लंबे समय से केंद्र व प्रदेश सरकार से मांग की जा रही थी, जिसमें आज सफलता मिली है। - उपेंद्र सिंह लवली, प्रदेश अध्यक्ष, कंफेडरेशन ऑफ इंडियन फुटवियर इंडस्ट्रीज
2500 रुपये तक के जूते पर जीएसटी को घटाकर पांच प्रतिशत किया जाना शहर की फुटवियर इंडस्ट्री के लिए एक बूस्टर है, जो अपनी चमक खो रही थी। जीएसटी कम किए जाने से फुटवियर उद्योग फिर से पुराने स्वरूप में लौट आएगा। - कुलदीप कोहली, अध्यक्ष फ्रेटरनिटी ऑफ आगरा फुटवियर
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जूते पर जीएसटी को पांच प्रतिशत किया जाना केंद्र सरकार का महत्वपूर्ण कदम इै। इससे जूता उद्योग को संजीवनी मिलेगी। जूता दस्तकार फेडरेशन सरकार के इस कदम का स्वागत करती है। घरेलू बाजार को भी इसका लाभ होगा। - अभिकाम सिंह पिप्पल, अध्यक्ष जूता दस्तकार फेडरेशन
जीएसटी ट्रिब्यूनल में सितंबर के अंत तक अपील दाखिल करने का विकल्प खुलेगा। दिसंबर के अंत तक सुनवाई की प्रक्रिया शुरू होगी, जिससे कारोबारियों को सीधे इलाहाबाद हाई कोर्ट की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। - सीए सौरभ अग्रवाल, जीएसटी विशेषज्ञ
हैंडीक्राफ्ट उद्योग और आगरा के लिए ऐतिहासिक पल है। पहले इस शिल्प को जीएसटी में अलग पहचान दिलवाई और अब कर दर घटाने में सफलता मिली। इससे हजारों परिवारों को सीधी राहत मिलेगी और सदियों पुराना यह शिल्प नई जिंदगी पाएगा। - प्रहलाद अग्रवाल, अध्यक्ष आगरा टूरिस्ट वेलफेयर चैंबर
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जीएसटी दर घटने से घरेलू बिक्री बढ़ेगी। विदेशी बाजारों में भी प्रतिस्पर्धा आसान होगी। अमेरिकी टैरिफ से जो झटका लगा है, उसकी भरपाई अब भारतीय बाजार से आंशिक रूप से संभव होगी। यह निर्णय हमारी अंतरराष्ट्रीय स्थिति को मजबूत करेगा।” - अशोक जैन ओसवाल, निर्यातक
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