इन देशों में नौकरी का ऑफर मिलते ही हो जाएं सावधान, घर वापस नहीं लौटे 29 हजार लोग
विदेशों में नौकरी के आकर्षक वादों से सावधान रहने की आवश्यकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 29 हजार लोग नौकरी के लिए कुछ देशों में गए और फिर वापस नहीं लौटे। खाड़ी देश, अफ्रीका और पूर्वी यूरोप के कुछ देश ऐसे हैं जहां नौकरी के लिए जाने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए। कंपनी की पूरी जानकारी और नौकरी की शर्तों को ध्यान से पढ़ना जरूरी है।

इंटरनेट पर इन देशों में नौकरी का ऑफर देख हो जाएं सावधान।
जागरण संवाददाता, आगरा। बेहतर जीवन के सपनों की चाहत में युवा चीनी साइबर गिराेहों के एजेंटों के जाल में फंसे जा रहे हैं। विदेश में नौकरी के नाम पर एजेंट उन्हें चीनी साइबर गिरोहों के हाथों बेच दे रहे हैं। गिरोह युवाओं को साइबर स्लेवरी या साइबर गुलाम बना रहे हैं। आगरा साइबर सेल द्वारा चीनी गिरोहों के एजेंटों को गिरफ्तार करके देश भर में फैले इस तरह के नेटवर्क का पर्दाफाश किया गया है।
इंटरनेट पर विदेश में शानदार पैकेज के साथ नौकरी, फ्री वीजा, रहने का इंतजाम, डाटा एंट्री या कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी जैसे प्रलोभन यदि वियतनाम, कंबोडिया, म्यांमार व थाईलैंड में हैं तो सावधान हो जाएं।
यह चीनी साइबर गिरोह द्वारा बेरोजगार युवाओं को खरीदने के लिए फेंका गया जाल भी हो सकता है। इन देशों में जाते ही चीनी गिरोह युवाओं का पासपोर्ट जब्त कर लेते हैं। जिसके बाद ऑनलाइन ठगी, डाटा चोरी, फर्जी लॉटरी, निवेश, डिजिटल अरेस्ट जैसे अपराध धमकी देकर जबरन कराए जाते हैं।
साइबर गुलामी के शिकार भारतीयों को लेकर गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाले आप्रवासन ब्यूरो द्वारा जारी आंकडे चौंकाने वाले हैं। जनवरी 2022 से मई 2024 के बीच भारत से 73 हजार से अधिक लोग टूरिस्ट वीजा पर थाईलैंड, म्यांमार, बैंकाक, कंबोडिया और वियतनाम गए। जिनमें से 29 हजार से ज्यादा भारतीय अभी तक वापस नहीं लौटे। जिनमें 70 प्रतिशत पुरुष हैं, जिनकी आयु 20 से 40 वर्ष के बीच है।
उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, केरल के युवा सबसे अधिक हैं। जिनमें उत्तर प्रदेश के युवाओं की संख्या दो हजार से अधिक है। आशंका है कि इनमें से बड़ी संख्या में युवा चीनी गिरोहों के साइबर स्लेवर हैं। अपर पुलिस उपायुक्त सिटी आदित्य बताते हैं चीनी गिरोह के एजेंटों द्वारा युवाओं को जाल में फंसाने का मामला सामने आने के बाद साइबर क्राइम सेल जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
ये है साइबर गुलामी
साइबर स्लेवरी या गुलामी शोषण का एक आधुनिक रूप है। जिसमें व्यक्तियों को अवैध रूप से बंधक बनाकर साइबर धोखाधड़ी में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाता है। साइबर गिरोह व उनके एजेंट लोगों को उच्च वेतन वाले डाटा एंट्री पदों पर नौकरी का लालच देकर विदेशों में भेजा जाता है।जहां उनसे जबरन धोखाधड़ी करवाई जाती है। आगरा और कानपुर के युवकों को भी इसी तरह का लालच देकर चीनी गिरोह के एजेंटों ने कंबोडिया में बेच दिया था।
ये रखें सावधानी
साइबर क्राइम सेल के अनुसार कुछ सतर्कता बरतते हुए साइबर स्लेवरी या साइबर गुलामी से बचा जा सकता है। जिनमें प्रमुख हैं।
- इंटरनेट मीडिया पर विदेशों में बेहतर नौकरी के विज्ञापनों पर विश्वास न करें
- विदेश जाने से पहले उक्त कंपनी और वीजा की पूरी जानकारी करें।
- सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एजेंट, ट्रैवल एजेंसी के माध्यम से ही विदेश जाएं।
- स्वजन और मित्रों को विदेश यात्रा की पूरी जानकारी दें, वह इसमें आपकी मदद कर सकते हैं।
- आपको लगता है कि कोई एजेंट संदिग्ध, मामला साइबर अपराध से संबंधित है तो इसकी जानकारी साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दें।

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