राजस्थान से पानी छोड़े जाने से यूपी के गांवों में बाढ़ का खतरा! आगरा की उटंगन नदी का दिखेगा रौद्र रूप
भरतपुर राजस्थान से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण उटंगन नदी में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। फतेहाबाद तहसील के कई गांवों में फसलें डूबने की आशंका है जिससे किसानों में चिंता है। प्रशासन ने बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है। यमुना नदी में भी जलस्तर बढ़ने की संभावना है।

संसू, जागरण-फतेहाबाद/आगरा। उटंगन नदी का बुधवार सुबह से और भी रौद्र रूप देखने को मिलेगा। भरतपुर राजस्थान से छोड़ा गया 45 हजार क्यूसेक पानी आगरा पहुंच जाएगा। इससे फतेहाबाद तहसील के आधा दर्जन गांवों की 500 बीघा फसल डूब जाएगी। बाग भोगपुरा गांव का रास्ता बंद हो सकता है।
आंगई बांध से लगातार पानी छोड़े जाने से उटंगन नदी पहले ही उफान पर है। शायकापुरा, खलकापुरा, शाहवेद, नंदापुरा, भोगपुरा, बाग भोगपुरा, बीलपुरा, नागर, जयसिगावाई, सालूवाई, बरना और रिहावली समेत कई गांवों के किसान प्रभावित हो रहे हैं।
भरतपुर राजस्थान से छोड़ा गया 45 हजार क्यूसेक पानी
किसानों का कहना है कि फसल पहले से ही बाढ़ के पानी में डूबी हुई है और लगातार पानी छोड़े जाने से अब पूरी तरह बर्बादी का खतरा मंडरा रहा है। इस बीच भरतपुर राजस्थान से नदी में 45 हजार क्यूसेक पानी छोड़ दिया गया है। इससे सबसे अधिक दिक्कत बाग भोगपुरा गांव में खड़ी हो जाएगी। बुधवार से नदी के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी होगी।
बाग भोगपुरा गांव का बंद हो सकता है रास्ता, गांवों की डूब जाएगी फसल
एडीएम वित्त एवं राजस्व शुभांगी शुक्ला ने बताया कि सभी बाढ़ चौकियों को सक्रिय करते हुए स्थिति पर नजर रखी जा रही है। वहीं उटंगन नदी यमुना नदी में मिलती है। ऐसे में बाह क्षेत्र में एक बार फिर से यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ेगा।
चेतावनी बिंदु पर पहुंचा जलस्तर
राजस्थान और मध्य प्रदेश से चंबल नदी में पानी छोड़ने के चलते जलस्तर धीमी गति से कम हो रहा है। मंगलवार को जलस्तर में दो मीटर की कमी आई। जलस्तर 127 मीटर पर पहुंच गया। यह चेतावनी का बिंदु है। झरनापुरा सहित अन्य गांवों में अभी भी लोग परेशान हैं। एसडीएम बाह हेमंत कुमार का कहना है कि जरूरत के हिसाब से स्वास्थ्य शिविर लगाए जा रहे हैं।
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