Agra News: 'द केरला स्टोरी' जैसा मतांतरण गिरोह बेनकाब, गिरोह में विदेश से फंडिंग होने के सुराग मिले; पांच गिरफ्तार
आगरा पुलिस ने द केरला स्टोरी की तरह मतांतरण कराने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में पुलिस ने कोलकाता से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है और राजस्थान उत्तराखंड व बरेली से भी एक-एक सदस्य को पकड़ा है। आरोप है कि ये गिरोह युवतियों का ब्रेनवॉश करके मतांतरण कराता था और उन्हें देह व्यापार में धकेल देता था।

जागरण संवाददाता, आगरा। चर्चित बॉलीवुड फिल्म "द केरला स्टोरी" की तरह देश में मतांतरण कराने वाले गैंग का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। दो सगी बहनों का मतांतरण कराने के मामले में पुलिस ने कोलकाता से दो आरोपितों को गिरफ्तार किया। साथ ही पुलिस ने ऋषिकेश से एक, बरेली से एक और राजस्थान से एक आरोपित को पकड़ा है। कई अन्य राज्यों में भी दबिशें दी जा रही हैं।
पुलिस आयुक्त दीपक कुमार का कहना है कि गिरफ्तार आरोपितों का छांगुर से कोई कनेक्शन नहीं है। उनके गिरोह से जुड़े अन्य लोगों को भी गिरफ्तार करने के प्रयास चल रहे हैं।
24 मार्च से लापता थीं दो युवतियां
दो युवतियां 24 मार्च को लापता हुई थीं। उनके पिता ने उसी दिन थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। बाद में उन्हें जानकारी हुई कि उधमपुर (जम्मू कश्मीर) की साईमा उर्फ खुशबू उनकी बेटियों को मतांतरण कराके शादी कराने के लिए बहला फुसला कर ले गई है। साईमा उनकी बड़ी बेटी के साथ डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में पढ़ती थी, तभी वह उसके संपर्क में आई थी। 2021 में वह बड़ी बेटी को अपने साथ ले गई थी। रास्ते में लैंड स्लाइड हो गया था।
इस्लाम की पैरवी करने लगी लड़कियां
पुलिस की सूचना पर स्वजन वहां पहुंचे और बेटी को ले आए थे। लौटने के बाद वह पूजा-पाठ का विरोध करती थी। इस्लाम की पैरवी करने लगी। बड़ी बहन ने छोटी बहन का भी ब्रेन वाश कर दिया। चार मई को पुलिस ने गुमशुदगी को अपहरण की धारा में तरमीम कर दिया। जांच के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि लापता दोनों युवतियां कोलकाता में है और "द केरला स्टोरी" की तरह मतांतरण कराने वाले गिरोह के चंगुल में फंस गई है। इसके बाद पुलिस ने शेखर राय उर्फ हसन अली को पकड़ा।
आगरा लेकर आ रही है पुलिस
आरोपित बारासात अदालत में कर्मचारी है। उससे पूछताछ के बाद पुलिस ने रीत बनिक उर्फ मोहम्मद इब्राहिम को पकड़ा। कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड पर टीम दोनों को लेकर आगरा आ रही है। इधर, पुलिस की एक टीम ने ऋषिकेश से रहमान नाम के व्यक्ति को पकड़ा। बरेली और राजस्थान से भी एक-एक आरोपित को पकड़ा है। पुलिस को जानकारी मिली है कि साईमा जैसी लड़कियों के माध्यम से मतांतरण के लिए इस तरह ब्रेन वाश किया जाता था कि मतांतरण के बाद युवक और युवतियां गैंग के सदस्य बन जाते थे।
मतांतरण के बाद वे युवतियां भी इस्लाम के पक्ष में मुहिम चलाती थीं
मतांतरण के बाद वे युवतियां भी इस्लाम के पक्ष में मुहिम चलाती थीं। इसके लिए इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल किया जाता है। पढ़ने लिखने वाले युवक-युवतियां निशाने पर रहते हैं। उन्हें प्रलोभन दिया जाता है। जो युवतियां गैंग के चंगुल से निकलने का प्रयास करती थीं, उन्हें देह व्यापार में धकेल दिया जाता था।
छांगुर की तरह हैं गैंग
बलरामपुर का छांगुर मतांतरण को लेकर देशभर में चर्चाओं में है। उसे विदेश से फंडिंग थी। आगरा पुलिस जिस गैंग को बेनकाब करने वाली है, उसकी जड़ें भी बहुत गहरी हैं। प्रारंभिक छानबीन में विदेश से फंडिंग के भी सुराग मिले हैं। 2015 से गैंग युवक और युवतियों का मतांतरण करा रहा है।
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