पत्नी-बेटे की मौत, मेहनत से पाई सिपाही की नौकरी, परिवार पर टूटा कुदरत का कहर, एक हादसे ने छीन लीं खुशियां
सत्यपाल की खुशियों को नजर लग गई। एक सड़क हादसे ने पत्नी और मासूम बेटे को उनसे छीन लिया। साढ़ू के घर पहुंचने से पहले ही मौत दोनों को अपने साथ ले गई। भाइयों ने खेती में पसीना बहाया और सत्यपाल ने पढ़ाई में मेहनत कर पुलिस में नौकरी ली।

जागरण टीम, आगरा। ललितपुर झांसी से बदली होकर अलीगढ़ जाने से पहले सिपाही सत्यपाल को अपनी पत्नी अंजलि सिंह और मासूम अंश को टूंडला निवासी अपने साढ़ू के यहां छोड़ना था। इसके बाद अलीगढ़ में किराए के मकान लेकर शिफ्ट होना था। लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था।
सीआइएसएफ में तैनात साढ़ू राहुल के घर पहुंचने से पहले ही मौत पत्नी और बेटे को अपने साथ ले गई। सड़क हादसे में घायल सिपाही सत्यपाल जिंदगी के लिए लड़ रहे हैं। उनके पैतृक गांव खंदौली के नगला अर्जुन में जैसे ही हादसे में बहू और बेटे की मौत की खबर सुनीं, परिवार में कोहराम मच गया।
सात भाइयों में सबसे छोटे हैं सत्यपाल
खंदौली के नगला अर्जुन निवासी राधेश्याम मेहनत मजदूरी करके अपना पेट पालन करते थे। राधेश्याम के साथ संतानें हैं। सबसे बड़े सन्तोष कुमार, जगदीश प्रसाद, गब्बर सिंह, सुल्तान सिंह, प्रमोद कुमार, रमेश बाबू, जिसमें सतपाल सबसे छोटे नंबर के हैं । सतपाल के सभी बड़े भाई मेहनत मजदूरी करके अपना पेट पालन करते हैं वहीं सतपाल ने कड़ी मेहनत करके पुलिस में नौकरी हासिल की। इस नौकरी से वे अपने परिवार की देखरेख कर रहे थे। सत्यपाल बेहद ही मिलनसार और सरल स्वभाव के हैं।
ग्वालियर हाइवे के निकट हुआ था हादसा
गौरतलब है कि ग्वालियर हाईवे के नगला मांकरोल पर गुरुवार की रात दर्दनाक हादसा हो गया था। इसमें खंदौली के निवासी सिपाही की पत्नी और बेटे की मौत हो गई। सिपाही गंभीर रूप से घायल है। सत्यपाल आरक्षी हैं और जिला ललितपुर में तैनात थे। ललितपुर से स्वजन और सामान के साथ गांव आ रहे थे। वह कैंटर में सवार थे।
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