World Diabetes Day 2025: आप भी पा सकते हैं मधुमेह पर विजय, अपनाने होंगे जीवन में 5 नियम
विश्व मधुमेह दिवस 2025 के अवसर पर, जीवनशैली में बदलाव करके मधुमेह को नियंत्रित करने पर जोर दिया गया है। स्वस्थ भोजन, नियमित व्यायाम, तनाव प्रबंधन, पर्याप्त नींद और नियमित जांच जैसे पांच नियमों का पालन करके मधुमेह पर विजय प्राप्त की जा सकती है।

सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, आगरा। दुनियाभर में हर वर्ष 14 नवंबर को World Diabetes Day मनाया जाता है। यह बीमारी हमारे देश में बहुत तेजी से फैली है। अब बड़े क्या, बच्चे भी इसके शिकार हैं।
बचाव के साथ बीमारी हो जाने पर ब्लड शुगर को नियंत्रित रख लंबे समय तक सुरक्षित जीवन जी सकते हैं। बशर्तें इनके लिए पांच नियम अपनाने होंगे।
आगरा के प्रमुख डायबिटीज रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रखर गुप्ता बताते हैं, भारत में डायबिटीज अब “चुपचाप बढ़ने वाली महामारी” बन चुकी है। पर सच ये है कि हर डायबिटिक मरीज एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकता है। बस जरूरत है, सही दिशा में कदम बढ़ाने की।
डॉ. प्रखर गुप्ता कहते हैं, कोई भी डायबिटीज रोगी यदि इन नियमों का पालन करेगा तो शुगर लेवल नियंत्रित रहेगा। साथ ही शरीर के अंदर होने वाले नुकसानों से भी बचा रह सकता है।
सच को पहचानिए, भ्रम नहीं
डायबिटीज कोई सजा नहीं, एक स्थिति है। जिसे नियमित जांच, सही दवा और स्वस्थ जीवनशैली से पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है। दुर्भाग्यवश आज भी कई बाबा, हकीम और ऑनलाइन दावे यह कहकर गुमराह करते हैं कि वे डायबिटीज को जड़ से खत्म कर सकते हैं।
सच्चाई यह है कि यह एक लाइफस्टाइल-बेस्ड, शारीरिक अव्यस्व्यथा है जिसे कंट्रोल किया जा सकता है, मिटाया नहीं जा सकता।
डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के मात्र यही रास्ते है। पहला, उचित और कम खानपान, नियमित शारीरिक श्रम और व्यायाम, यदि ये पर्याप्त नहीं है तो दैनिक दवाई लेना। दवाइयो को शुगर कंट्रोल करने और डायबिटीज के दुष्प्रभावों से बचाने के लिए दिया जाता है।
इनका उपयोग दशकों के शोध और परिणामों पर आधारित है। आपके सही जानकारी ही बचाव की पहली सीढ़ी है।
डायबिटीज रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रखर गुप्ता।
डायबिटीज में सबसे बड़ी गलती
अक्सर मरीज तब तक इंतजार करते हैं, जब तक तकलीफ महसूस न हो। लेकिन बढ़ी हुई शुगर दीमक की तरह शरीर को अंदर-ही-अंदर नुकसान पहुंचाती रहती है। आंखें, किडनी, दिल, दिमाग, हाथ पैरो की नसें और शरीर का हर एक अंग धीरे-धीरे प्रभावित होते हैं।
इसलिए हर तीन महीने में HbA1c जांच और नियमित शुगर मॉनिटरिंग अनिवार्य है। याद रखें, बड़ी हुई शुगर के ज्यादातर नुकसान दर्द-रहित होते हैं।
लक्ष्य तय करें और उन्हें हासिल करें
स्मार्ट डायबिटीज़ मैनेजमेंट का मतलब है टारगेट-बेस्ड इलाज।
• खाली पेट शुगर: 80-130 mg/dl
• खाने के 2 घंटे बाद: 140-180 mg/dl
• HbA1c: 7% से कम
• एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल): 100 से कम
• ब्लड प्रेशर: 130/80 से कम
इन लक्ष्यों को पाना संभव है। बस नियमित व्यायाम, संतुलित भोजन, नियमित दवा खाना और हर तीन महीने फॉलो-अप की आदत डालें।
सही दिशा में इलाज, आसान जीवन की ओर
डायबिटीज का इलाज अब मुश्किल नहीं रहा। हमारे केंद्र पर हर मरीज को उसकी व्यक्तिगत स्थिति के अनुसार इलाज, मॉनिटरिंग और मोटिवेशन मिलता है। हमारा उद्देश्य सिर्फ शुगर घटाना नहीं, बल्कि जीवन को बेहतर बनाना है। ताकि आप अपनी दिनचर्या, परिवार और सपनों के साथ पूरी ऊर्जा से जी सकें।
याद रखें: डायबिटीज कोई रुकावट नहीं, एक रिश्ता है
अगर आप अपने नंबरों पर नजर रखते हैं, नियमित जांच करते हैं और डॉक्टर की सलाह मानते हैं। तो डायबिटीज आपके जीवन का एक अनुशासित साथी बन सकता है, न कि बोझ।

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