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    हाथरस नगर पालिका के 290 पेंशनर्स दो माह से पेंशन को तरसे, जिलाधिकारी से लगायी गुहार

    By Anil KushwahaEdited By:
    Updated: Wed, 01 Jun 2022 04:43 PM (IST)

    हाथरस नगर पालिका के करीब 290 पेंशनर्स को अप्रैल माह से अभी तक पेंशन नहीं मिली जिससे उन्‍हें जीविकोपार्जन में समस्‍याओं का सामना करना पड़ रहा है। सेवानिवृत कर्मचारी संघ एसोसिएशन के बैनर तले एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।

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    पेंशन के लिए भी सेवानिवृत कर्मियों को तरसना पड़ रहा है।

    हाथरस, जागरण संवाददाता। पेंशन के लिए भी सेवानिवृत कर्मियों को तरसना पड़ रहा है। नगर पालिका के करीब 290 पेंशनर्स को अप्रैल माह से अभी तक नहीं मिली। वहीं मई माह की पेंशन के लिए भी उन्हें परेशान होना पड़ा रहा है। पेंशनरों का आरोप है कि पेंशन ही उनकी आजीविका मुख्य साधन है। इसके नहीं मिलने से वह भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। 

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    सेवानिवृत्‍ति के बाद पेंशन ही सहारा

    सरकार ने सेवाएं देनें वाले सरकारी कर्मचारियों को अवकाश प्राप्ति के बाद उन्हें पेंशन की सुविधा दे रखी है। यह पेंशन उन्हें सेवानिवृति के बाद दी जाती है। सरकारी सेवा से अवकाश लेने के बाद उन्हें यह सेवा प्रदान की जाती है। नगर पालिका सहित कई विभागों में पेंशन की सेवा सरकारी कर्मियों को मिल रही है। हालांकि नई सेवा प्रणाली में इसे कई विभागों द्वारा नई नौकरियों में खत्म कर दिया गया है। जहां यह सुविधा मिल रही उससे कर्मचारी अपना जीवन यापन कर रहे हैं।

    जीविकोपार्जन की मुख्य माध्यम है पेंशन

    सेवानिवृत्त कर्मियों को पेंशन ही उनके जीविकाेपार्जन का मुख्य माध्यम है। महीना की समाप्ति के बाद उन्हें इसका बेसब्री से इंतजार रहता है। कुछ कर्मियों को पेंशन मिलने पर ही उनके स्वजनों द्वारा ख्याल रखा जाता है। तो कई कर्मियों के तो भरण पोषण का माध्यम ही पेंशन है। इसीलिए उन्हें इस पेंशन की आवश्यकता हर समय बनी रहती है।

    दो माह की पेंशन से वंचित हैं 290 कर्मी

    नगर पालिका के करीब 290 कर्मियों को अप्रैल व मई माह की पेंशन नहीं मिली है। इसे लेकर उन्होंने सेवानिवृत कर्मचारी संघ एसोसिएशन के बैनर तले एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। उन्हें बताया है कि धनाभाव के चलते पेंशन भुखमरी के शिकार हैं। वह अपना उपचार भी नहीं करा पा रहे हैं। उन्होंने पेंशन व बकाया महंगाई की किश्तों का भुगतान कराने की अनुरोध डीएम से किया है। इसमें विनोद कुमार कोमल, सतीश चंचल, सतीश शंकर वाष्र्णेय, शन्नू खां मौजूद रहे।