गंदगी में बन रहा 780 किलाे पनीर कराया नष्ट, तीन फैक्ट्रियां सील... अलीगढ़ में मिलावटखोरों पर FSDA की कार्रवाई
अलीगढ़ में एफएसडीए ने पिसावा क्षेत्र के महगौरा और डेटा खुर्द में पनीर बनाने वाली चार फैक्ट्रियों पर छापा मारा। तीन फैक्ट्रियों को सील कर दिया गया और 780 किलो मिलावटी पनीर नष्ट किया गया। 2500 लीटर मिश्रित दूध भी बहाया गया। मिलावट की आशंका में नौ नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। मिलावटखोर गंदगी और अस्वच्छ माहौल में पनीर बना रहे थे।

अलीगढ़ में मिलावटखाेरों पर एक्शन।
जागरण टीम, अलीगढ़। सस्ती कीमत व अधिक मुनाफे के लालच में गंदगी व बदबूदार माहौल में पनीर तैयार करने वाले मिलावटखोरों पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने कार्रवाई की। शुक्रव्रार को पिसावा क्षेत्र के महगौरा व डेटा खुर्द में पनीर तैयार करने वाली चार फैक्ट्रियों (डेयरी) पर छापामार कार्रवाई की। इसमें तीन फैक्ट्रियों को सील कर दिया। मिलावट की आशंका में मौके पर मिले 780 किलो पनीर को नष्ट कर दिया। 2500 लीटर मिश्रित दूध को भी बहाया गया है। अब इन चारों फैक्ट्रियों से नौ नमूने भरकर जांच के लिए भेजे गए हैं।
एफएसडीए की टीम ने पिसावा क्षेत्र के गांव महगौरा व डेटा खुर्द में की बड़ी कार्रवाई
एफएसडीए के सहायक आयुक्त खाद्य डॉ. अजय जायसवाल के नेतृत्व में एफएसडीए ने यह कार्रवाई की। इसमें टीम सबसे पहले महगौरा में इदरीश खान के फैक्ट्रीनुमा डेयरी पर पहुंची। यहां 500 किलो मिलावटी पनीर बरामद हुआ। इसे नष्ट कराया गया। गंदगी, अस्वच्छ माहौल व लाइसेंस न होने के कारण फैक्ट्री सील कर दी गई। इसके बाद हनीफ खान की डेयरी पर छापा मारा गया। यहां पर 280 किलो मिलावटी पनीर व लगभग 2500 लीटर मिश्रित दूध (पनीर घोल) मिला। टीम ने इसे मौके पर नष्ट कर दिया। यहां भी भारी गंदगी व बदहाली के चलते उत्पादन बंद कर फैक्ट्री को सील कर दिया।
पनीर और मिश्रित दूध के लिए नमूने
टीम इसके बाद डेटा खुर्द पहुंची। यहां पर रमेश चंद व कुलदीप डेयरी से पनीर व मिश्रित दूध के नमूने लिए गए। कुलदीप डेयरी में लाइसेंस न मिलने पर उत्पादन रोककर सील कर दिया। जांच टीम ने चारों डेयरियों से कुल नौ नमूने भरकर प्रयोगशाला भेजे गए हैं। इनकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस मौके पर सहायक आयुक्त खाद्य द्वितीय डा. दीनानाथ यादव, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनोज कुमार सिंह तोमर, खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्वेता चक्रवर्ती, परमवीर सिंह, त्रिभुवन नरायन मौजूद रहे।
ताले लगाकर भागे संचालक
टीम की कार्रवाई की जानकारी फैलते ही पूरे क्षेत्र में खलबली मच गई। कई डेयरी संचालक जल्दबाजी में ताले लगाकर फरार हो गए। लंबे समय से मिलावट व गंदगी की शिकायतों के बाद की गई इस छापेमारी को स्थानीय लोगों ने सराहनीय कदम बताया है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि जनस्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों पर अब लगातार कार्रवाई जारी रहेगी।
ऐसे बनता है नकली पनीर
विभागीय अधिकारी बताते हैं कि मिलावटखोर सिर्फ 300 से 359 रुपये में ही पांच किलो मिलावटी तैयार कर लेते हैं। इसके लिए वो थोड़े से दूध में सोडियम बाई कार्बोनेट यानी बेकिंग सोडा डालकर घोल बनाते हैं। फिर उसमें पाम आयल या वेजिटेबल आल मिला देते हैं। इसके बाद इस घोल को बेकिंग पाउडर से फाड़कर उसे बड़े कंटेनर में जमा दिया जाता है। इस तरह खतरनाक तरीके से बने जहरीले पनीर को फ्रेश पनीर बताकर ग्राहकों तक पहुंचा दिया जाता है। डेढ़ सौ से दो सौ रुपये किलो तक इसकी बाजार में बिक्री होती है।
मिलावट पर सजा का प्रविधान
- खाद्य पदार्थ में कोई जानलेवा पदार्थ मिला है तो आजीवन कारावास तक की सजा का प्रविधान है।
- हानिकारक पदार्थ न होने पर भी मिलावट में पांच लाख रुपये तक का अधिकतम जुर्माना लग सकता है।
- कोई भी व्यक्ति इसकी शिकायत कलक्ट्रेट स्थित एफएसडीए कार्यालय में कर सकता है।
मौके पर गंदगी
जांच टीम को पनीर तैयार करने वाली डेयरियों पर बेहद गंदगी देखने मिलीं। परिसर में गंदे फर्श पर पनीर रखा हुआ था। मच्छरों व मक्खियों से भरी टंकियों में दूध रखा हुआ था। उत्पादन क्षेत्र में भारी गंदगी व बदबू थी। कहीं भी स्वच्छता का न्यूनतम स्तर नहीं पाया गया।

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