Updated: Thu, 11 Sep 2025 09:58 AM (IST)
अलीगढ़ में भूकंपीय गतिविधियों की निगरानी के लिए आधुनिक वेधशाला स्थापित होगी। शासन ने जिला प्रशासन से उपयुक्त स्थान का चयन करने के लिए कहा है। केंद्र सरकार के निर्देश पर अलीगढ़ समेत 13 जिलों में यह वेधशाला स्थापित की जाएगी जो भूकंपों की निगरानी और अध्ययन में मददगार होगी। जिला प्रशासन जमीन की तलाश में जुट गया है।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़। जिले के लिए अच्छी खबर है। भूकंपीय गतिविधियों की निगरानी के लिए जल्द ही आधुनिक वेधशाला की स्थापना होगी। अलीगढ़ समेत प्रदेश के 13 जिलों का चयन इसके लिए हुआ है। इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिले शामिल हैं। शासन स्तर से इसको लेकर पत्र जिला प्रशासन को भेजा गया है। इसमें वेधशाला की स्थापना के लिए प्रशासन से उपयुक्त स्थान के चयन की मांग की गई है।
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विशेष सचिव शीलधर सिंह यादव की ओर से यह पत्र भेजा गया है। जिला प्रशासन ने इस पर जमीन की खोज शुरू कर दी है। नई दिल्ली के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के निदेशक डॉ. ओपी मिश्रा की ओर से सात जुलाई को प्रदेश स्तर पर पत्र भेजा गया था।
इसमें अलीगढ़ समेत प्रदेश के 13 जिलों में भूकंपीय वेधशालाओं की स्थापना की जानकारी दी गई थी। इस पत्र में संबंधित जिलों में वेधशाला के लिए जगह के चयन के लिए कहा गया था। प्रदेश स्तर से इसको लेकर पहल शुरू हो गई है। केंद्र के निर्देश पर संबंधित जिलों के डीएम को पत्र भेजा गया है। इसमें जमीन चयन की मांग की गई है।
जानकारों के मुताबिक भूकंपीय वेधशाला ऐसी सुविधा है जो भूकंपों की निगरानी व अध्ययन करने के लिए डिज़ाइन की जाती है। यह भूकंपीय गतिविधि को मापने में भी सहयोगी होती है। इसमें विशेष उपकरण लगे होते हैं। इन उपकरणों से भूकंप की तीव्रता, गहराई व स्थान का भी पता लगाया जाता है। यह भूकंपीय डाटा का संग्रह करती है।
शासन के पत्र के बाद जिला प्रशासन कोल तहसील के साथ ही आसपास के क्षेत्रों में सरकारी जमीन की तलाश कर रहा है। अलीगढ़, आजमगढ़, सुल्तानपुर, मथुरा, ललितपुर, कानपुर, बलिया, सोनभद्र, बरेली, मुरादाबाद, बिजनौर, मुजफ्फरनगर व सहारनपुर जिलों में वेधशालाओं की स्थापना होगी।
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